अपना मकान होते हुए भी किराये के घर में रहते लोग
दरभंगा के न्यू कबीरचक मोहल्ले के लोग जलजमाव से परेशान हैं। बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे बच्चों का स्कूल जाना और लोगों का दैनिक कामकाज प्रभावित होता है। स्थानीय लोग अधिकारियों की...
सुविधा-संपन्न लोग बुनियादी जरूरतों के अभाव में कैसे विवश बन जाते हैं, इसका नजारा दरभंगा शहर के न्यू कबीरचक मोहल्ले में देखा जा सकता है। आलम यह है कि इस मोहल्ले के लोग बरसात शब्द सुनते ही दुखी हो जाते हैं। जलजमाव से उत्पन्न दुश्वारियों को सुनाने लगते हैं। लोगों की मानें तो न्यू कबीरचक मोहल्ले के लिए बरसात आपदा है। जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से चंद घंटों की बारिश आफत बन जाती है। सड़क सहित मोहल्ले के अन्य हिस्सों में कमरभर पानी जमा हो जाता है। कार-बाइक जैसे वाहन बेकार हो जाते हैं। बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाता है। लोग जूता पहनना छोड़ देते हैं। गैस रिफिलिंग कराने, राशन लाने आदि जैसे घरेलू कार्य करना परेशानी का सबब बन जाता है। इस स्थिति से स्थानीय लोग आजिज हैं। दरभंगा सदर प्रखंड कार्यालय के पास बसे न्यू कबीरचक के निवासी इस स्थिति के लिए अधिकारियों-नेताओं को जिम्मेवार बताते हैं। मोहल्ला वासी नित्यानंद चंदन बताते हैं कि प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काटकर थक चुके हैं। मोहल्ले से जलजमाव दूर करने की कोई पहल नहीं हो रही है। इस वर्ष भी बरसात के मौसम में जीवन नारकीय बन जाएगा। उन्होंने इशारे से कॉलोनी में मौजूद प्राथमिक विद्यालय गोसाई टोल को दिखाया। फिर बताया कि स्कूल तक बच्चों-शिक्षकों के जाने-आने का रास्ता नहीं है। खाईनुमा सड़क के दोनों तरफ ऊंचाई पर मकान बने हैं। पगडंडी जैसे रास्ते से आवागमन करने में छोटे बच्चे फिसलकर सड़क के गड्ढे में गिरकर घायल हो जाते हैं। यहां से दो सौ मीटर की दूरी पर प्रखंड मुख्यालय है। वहां बीडीओ-सीओ बैठते हैं। इसके बावजूद आज तक कोई अधिकारी विद्यालय या मोहल्ले की सुध लेने नहीं पहुंचे हैं।
जलजमाव के कारण पंचायत भवन में शिफ्ट हो जाता स्कूल
न्यू कबीरचक मोहल्ला करीब 10 वर्षों से जलजमावग्रस्त है। इसके बावजूद अधिकारियों की पहल नहीं होने से मोहल्ले के लोग अचरज में हैं। स्थानीय भवन मिश्र, छोटेलाल यादव, संतोष कुमार आदि बताते हैं कि जलजमाव होते ही प्राथमिक विद्यालय गोसाई टोल को पंचायत भवन में शिफ्ट कर दिया जाता है। मोहल्ले के करीब 500 परिवारों के बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे, इसकी फ्रिक कोई नहीं करता है। बच्चों की पढ़ाई बंद होने से अभिभावक बेचैन हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए अधिकतर लोगों ने अपना घर होते हुए भी अन्यत्र किराए पर मकान ले रखा है। बरसात शुरू होते ही लोग तीन-चार माह के लिए किराए के मकान में शिफ्ट कर जाते हैं। मोहल्ला निवासी नागेंद्र प्रसाद राय बताते हैं कि जलजमाव से सरकारी नौकरीपेशा वाले लोगों को फजीहत झेलनी पड़ती है। लोग रोज कार्यालय जाने के लिए हाफ पैंट में नंगे पांव पानी से गुजरकर आधा किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पहुंचते हैं। इसके बाद थैले से कपड़े, जूते आदि निकालकर पहनते हैं, तब ड्यूटी जा पाते हैं। कार्यालय से घर लौटने से पहले भी लोग ऐसा ही करते हैं। उन्होंने बताया कि इसे लेकर मुखिया-विधायक सब से गुहार लगा चुके हैं, पर कुछ नहीं हुआ। वार्ड सदस्य सह उप मुखिया पुनीता देवी ने कहा कि उन्होंने इस बरसात में नाला साफ करवायी थी। अगले साल बरसात के मौसम में भी नालों की सफाई कराई जाएगी।
दोनार-टिनही पुल को बड़े नाले से जोड़ने पर मिलेगी निजात
कबीरचक दरभंगा सदर प्रखंड का मुख्यालय है। यहां करीब 30 हजार लोग रहते हैं। पूर्व मुखिया जयकिसुन यादव बताते हैं कि जलजमाव इस पंचायत की सबसे बड़ी समस्या है। पहले इस एरिया का पानी चौर में बह जाता था। शहरीकरण तेज हुआ तो चौर क्षेत्र रिहायशी इलाके में बदल गया। पानी निकासी का रास्ता बंद है। यही वजह है कि यहां जलजमाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि तश्तरीनुमा कबीरचक से जलनिकासी बड़ी चुनौती है। इसके लिए कॉलोनी के सभी हिस्सों में नाला बनाकर दोनार-टिनही पुल के मुख्य नाले से जोड़ने की आवश्यकता है। इससे जलजमाव दूर हो जाएगा। अभी भी कॉलोनी के कई हिस्सों में नाला निर्माण हो रहा है। अधिकारियों को देखना होगा कि निर्मित नाला कितना उपयोगी है।
सदर पीएचसी का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
न्यू कबीरचक मोहल्ले की स्थिति दयनीय है। सड़कों पर कूड़ा-कचरा और कीचड़युक्त गंदगी पसरी है तो नाले लबालब भरे हैं। पीएचसी रहने के बावजूद बीमार होने की स्थिति में मरीज और परिजन असहाय बन जाते हैं। मोहल्ले के राजकुमार ठाकुर, उमेश यादव आदि बताते हैं कि बगल में नाम के लिए सदर पीएचसी मौजूद है। इमरजेंसी उपचार की सुविधा है, पर डॉक्टर के मौजूद नहीं होने इसका लाभ नहीं मिलता। इमरजेंसी की स्थिति में सीधे डीएमसीएच या निजी अस्पताल जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जलजमाव के कारण टेंपो-टोटो चालक जैसे वाहन आना नहीं चाहते। एक किलोमीटर दूर दोनार या दरभंगा जंक्शन से रिक्शा चालक तक कबीरचक आने में आनाकानी करते हैं। दोगुना किराए की डिमांड करते हैं। इस कारण बीमार लोगों के परिजनों की परेशानी बढ़ जाती है। लोग दूसरों की मदद पर आश्रित हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि सदर पीएचसी में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण लोग सुविधा से वंचित हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। सदर पीएचसी पर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ों बीमार आते हैं जिन्हें डॉक्टर नहीं रहने के कारण दूसरी जगह जाना पड़ता है।
-बोले जिम्मेदार-
नगर विधायक संजय सरावगी ने बताया कि न्यू कबीरचक कॉलोनी नयी बसी है। यहां मकान बनाने के समय कई लोगों ने जलनिकासी की व्यवस्था को नजरअंदाज किया है इसलिए कठिनाई हो रही है। हालांकि मुझे वहां की समस्याओं के बारे में जानकारी मिली है। इन समस्याओं के समाधान की दिशा में जल्द आवश्यक पहल की जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से भी बात की जाएगी। जल्द समस्याओं का निदान होगा।
प्रस्तुति : राजकुमार गणेशन
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