पीएम मातृवंदना योजना में लापरवाही में 70 सेविकाएं चिन्हित
सारण जिले में पीएम मातृवंदना योजना की सेविकाओं पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। 70 आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं ने योजना से संबंधित एक भी आवेदन नहीं जमा किया है। जिला पदाधिकारी ने लापरवाह सेविकाओं...

सेविकाओं व सुपरवाइजर पर होगी कार्रवाई पीएम मातृवंदना योजना व सीएम कन्या उत्थान योजना के लक्ष्य को पूरा करने में नहीं ले रही रुचि आंगनबाड़ी की सेविका और सहायिकाओं को डोर-टू-डोर सर्वे करने का दिया गया है जिम्मा गर्भवती महिलाओं को दो किस्तों में दी जाती है पांच हजार की सहायता राशि फोटो 14 रिविलगंज में आयोजित विशेष कैंप में विशेष कैंप में पीएम मातृवंदना योजना के लाभुकों के आवेदन के साथ सेविकाएं पेज चार की लीड छपरा, नगर प्रतिनिधि। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में लापरवाही बरतने पर सारण जिले के 70 आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। दो दिनों के अंदर इन आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं को पीएम मातृ वंदना योजना का आवेदन जमा करने का टास्क दिया गया है। जानकारी के मुताबिक 70 आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं की स्थिति यह है कि उन्होंने एक भी आवेदन इस योजना से संबंधित जमा नहीं की है। इसको लेकर जिला पदाधिकारी अमन समीर ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए ऐसी सेविकाओं को चयन मुक्त करने का निर्देश आईसीडीएस की डीपीओ कुमारी अनुपमा को दिया है। डीएम ने कहा है कि इस योजना में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निदेशक आईसीडीएस के निर्देश के आलोक में रविवार को अवकाश के बावजूद डीपीओ कार्यालय सहित जिले के सभी सीडीपीओ कार्यालय भी खुले थे । 74 पर्यवेक्षिकाओं से भी मांगा गया है स्पष्टीकरण पीएम मातृवंदना योजना की सही से मॉनिटरिंग नहीं करने व लक्ष्य को हासिल करने में लापरवाही पर अपने पर जिले की विभिन्न परियोजनाओं की 74 आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं पर भी कार्रवाई की गई है। इन पर्यवेक्षिकाओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है और लक्ष्य को हर हाल में हासिल करने का टास्क दिया गया है। 74 आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं के सेक्टर में लक्ष्य के 75 फीसदी से कम आवेदन जमा किए गए हैं। इसको लेकर भी डीएम ने नाराजगी जाहिर की थी और जवाब तलब करने का निर्देश डीपीओ को दिया था। पांच सीडीपीओ का भी वेतन है बंद आंगनबाड़ी सेविका व पर्यवेक्षिका के अलावा कार्रवाई की जद में जिले की पांच सीडीपीओ भी हैं। इन सीडीपीओ का वेतन अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश जिला पदाधिकारी के स्तर पर पूर्व में ही जारी किया गया है। सीडीपीओ पर आरोप है कि लक्ष्य के अनुरूप इस योजना के लाभुकों की राशि का भुगतान सृजन नहीं किया गया है। कुछ अन्य सीडीपीओ पर भी कार्रवाई की बात कही जा रही है। जागरूकता की कमी व प्रचार प्रसार का दिख रहा अभाव सारण में पीएम मातृवन्दना योजना का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है। जागरूकता की कमी और प्रचार-प्रसार के अभाव की वजह से भी इस पर प्रभाव पड़ रहा है। सेविका-सहायिका का भी इसमें रोल है। सेविका सहायिकाओं को अपने-अपने पोषण क्षेत्र के सभी घरों का सर्वे करना होता है लेकिन वह इस कार्य में लापरवाही बरतती हैं। नतीजा यह होता है कि सरकार की इस योजना का लाभ सही से लोगों को नहीं मिल पाता है । योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने विशेष कार्य योजना बनाई है। इसी कार्य योजना के तहत पीएम मातृ वंदना योजना व सीएम कन्या उत्थान योजना का विशेष कैम्प लग रहा है। विशेष कैंप में योजना के अंतर्गत नये योग्य लाभुकों को पंजीकृत करते पीएमएमवीवाई-कैस के सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जा रहा है। सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाये। इसके साथ ही द्वितीय किस्त का भुगतान करना सुनिश्चित किया जाये। पीएमएमवीवाई कैस के लाभार्थियों के आवेदन प्रपत्र प्रत्येक दिन सत्यापित किया जाये। विभाग के स्तर पर भी सेविका सहायिकाओं से सरकार की इस योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचाने के लिए ईमानदारी से काम करने के लिए भी प्रेरित किया। सभी सीडीपीओ, सुपरवाइजर व ऑपरेटर को भी आपस में समन्वय बनाकर लक्ष्य को हासिल करने का निर्देश दिया गया है। इसका परिणाम भी इधर सकारात्मक देखने को मिल रहा है। पहले की तुलना में इस योजना में जिले की स्थिति बेहतर हुई है। पूर्व में सारण का बिहार में 37 वां स्थान पर था लेकिन अब 28 वें स्थान पर है। क्या है आंकड़ा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत जिले का लक्ष्य 27828 है। अभी तक 25898 आवेदन पीएमएमवीवाई-कैस पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इनमें 22618 आवेदनों का भुगतान सृजन किया जा चुका है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों को आवेदन प्राप्त करने का टारगेट दिया गया है। जिले में द्वितीय किस्त के लाभार्थियों का आवेदन पेंडिंग है। सारण जिले में 21 परियोजना कार्यालय है व आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 4638 है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकद प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना है। इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। योजना की लाभ राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है। महिलाओं को दी जाती है 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को शिशु होने तक दो किस्तों में कुल 5000 रुपये की राशि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत दी जाती है. पहली किस्त 3000 रुपये दी जाती है जिसके लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में गर्भ धारण करने के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कर जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं। दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये शिशु के जन्म के बाद उनके पंजीकरण के बाद मिलती है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना पर भी विशेष जोर जिला पदाधिकारी ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के अलावा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना पर भी विशेष जोर दिया है उन्होंने इस योजना का अधिक से अधिक लाभ कन्याओं को दिलाने के लिए सभी सीडीपीओ व प्रवेशिका को टास्क दिया है और इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेवारी आईसीडीएस की डीपीओ को दी है। उन्होंने कहा है कि इस योजना के लिए लाभुकों को चिन्हित करने का कार्य मिशन मोड में किया जाए।
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