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शोभा की वस्तु बनकर रह गया है सोनपुर का मुक्तिधाम

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 28 लाख की लागत से निर्मित मुक्तिधाम 11 वर्षों से बंद पड़ा है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण सोनपुर के लोग नारायणी नदी के तट पर खुले आसमान में शवों का अंतिम संस्कार करने को विवश...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराMon, 21 April 2025 09:13 PM
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शोभा की वस्तु बनकर रह गया है सोनपुर का मुक्तिधाम

ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 28 लाख की लागत से निर्मित है यह मुक्तिधाम प्रशासनिक उदासीनता के कारण 11 वर्षों से बंद पड़ा है मुक्तिधाम सोनपुर, संवाद सूत्र। एक तरफ केन्द्र सरकार भारतीय सभ्यता और संस्कृति की प्रतीक गंगा समेत विभिन्न नदियों को निर्मल व अविरल बनाने के लिए अरबों रूपए खर्च कर पूरे देश में जागरूकता अभियान चला रही है। वहीं दूसरी ओर सोनपुर में नारायणी नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए यहां के कालीघाट के उत्तर नारायणी नदी के तट पर अवस्थित मुक्तिधाम शोभा की वस्तु बन कर रह गया है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लगभग 28 लाख की लागत से निर्मित यह मुक्तिधाम 11 वर्षों से बन कर तैयार है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह चालू नहीं हो सका और अभी भी बंद पड़ा हुआ है। अब तो मुक्तिधाम के आसपास जंगल- झाड़ उग गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने आज तक इस मुक्तिधाम को नगर पंचायत को नहीं सौंपा। फलस्वरूप आज भी सोनपुर और आसपास के दर्जनों गांवों के लोग प्रतिकूल मौसम में भी नारायणी नदी के तट पर खुले आसमान में अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार करने को विवश हैं। शवों के अंतिम संस्कार में हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लोक कल्याण की भावना से ओत-प्रोत होकर लोकसेवा आश्रम के महंत संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने मुक्तिधाम और सड़क के निर्माण के लिए अपनी कीमती छह कट्ठा जमीन दान में दी थी। 11 वर्षों से बन कर तैयार मुक्तिधाम के चालू नहीं होने से संत मौनी बाबा की भावना भी आहत हो रही है। नगर पंचायत के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष व हरिहरनाथ मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष विनोद सिंह सम्राट ने सोमवार को बताया कि मुक्तिधाम में एक साथ चार शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। परिजनों के बैठने के लिए शेड, गार्ड रूम, अंतिम संस्कार से संबंधित सामग्री की बिक्री के लिए तीन दुकानें और बोरिंग की व्यवस्था भी की गई है। सोलर इनर्जी के माध्यम से प्रकाश की व्यवस्था की गई थी पर प्रशासनिक उदासीनता के कारण कालीघाट पर निर्मित मुक्तिधाम शोभा की वस्तु बनकर रह गया है।

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