पावापुरी रोड-नवादा रेलखंड : गूगल अर्थ सर्वे पूरा, ड्रोन सर्वेक्षण अंतिम चरण में
पावापुरी रोड-नवादा रेलखंड : गूगल अर्थ सर्वे पूरा, ड्रोन सर्वेक्षण अंतिम चरण मेंपावापुरी रोड-नवादा रेलखंड : गूगल अर्थ सर्वे पूरा, ड्रोन सर्वेक्षण अंतिम चरण मेंपावापुरी रोड-नवादा रेलखंड : गूगल अर्थ...

पावापुरी रोड-नवादा रेलखंड : गूगल अर्थ सर्वे पूरा, ड्रोन सर्वेक्षण अंतिम चरण में 10 मई तक हर हाल में ड्रोन सर्वे पूरा कर तय होगा एलाइनमेंट 30 मई तक डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजने की है तैयारी बुद्ध व जैन सर्किटों में आने वाले नालंदा के अलावा नवादा व पावापुरी को जोड़ने की है योजना फोटो : रेल सर्वे : बिहारशरीफ के पास पावापुरी रोड-नवादा रेलखंड के लिए सर्वे के लिए लगाया गया दूरबीन। बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता/आशुतोष कुमार आर्य। जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के पास स्थित पावापुरी रोड हॉल्ट से नवादा जाने वाले प्रस्तावित रेलखंड का गूगल अर्थ सर्वे पूरा कर लिया गया है। इसके बाद ड्रोन सर्वेक्षण अंतिम चरण में है। हर हाल में 10 मई तक ड्रोन सर्वे पूरा कर एलाइनमेंट तय कर लिया जाएगा। इसके बाद 30 मई तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजने की तैयारी है। इस रेलखंड का निर्माण बुद्ध व जैन सर्किटों में आने वाले नालंदा के अलावा नवादा व पावापुरी को रेललाइन से सीधे जोड़ना है। हालांकि, वर्ष 2022 में भी इस रेलखंड के लिए सर्वे किया गया था। उस वक्त डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा भी गया था, लेकिन किसी कारणवश वह काम आगे नहीं बढ़ सका। नये बजट में इसका फिर से प्रावधान करने के बाद सर्वे का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। कार्य एजेंसी सिटी इंजीनियरिंग टेस्टिंग कोलकाता के प्रोजेक्ट मैनेजर दिव्येन्दु भट्टाचार्य ने बताया कि सर्वे का काम काफी तेजी से करने का दबाव है। ऐसे में कई टीमों को लगाकर काम पूरा किया जा रहा है। फायदे का रेलखंड : तीन साल पहले हुए सर्वे में इसके निर्माण को फायदेमंद बताया गया था। वर्तमान सर्वे टीम ने भी कहा है कि नई रेलखंड का निर्माण काफी लाभकारी साबित होगा। इसपर वर्ष 2042 तक यात्रियों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। भगवान महावीर की महापरिनिर्वाण भूमि पावापुरी को रेललाइन से जोड़ने की मांग को पूरा करने के लिए पावापुरी रोड-नवादा रेललाइन का सर्वे कराया जा रहा है। इसके बनने से जैन धर्मावलंबियों को नवादा और पावापुरी आने-जाने में काफी सहूलियत होगी। जैन सैलानियों की संख्या में भी इजाफा होगा। इसके कारण स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिलेगा। उनकी आमदनी में इजाफा होगा। 34 किमी लंबाई : बिहारशरीफ (पावापुरी रोड) से नवादा के लिए अनुमानित 34 किलोमीटर लंबा रेलखंड बनाया जाएगा। इसका 16-17 किलमीटर भाग नालंदा, तो शेष 17-18 किलोमीटर नवादा में पड़ेगा। पूर्व सर्वे के अनुसार इसके निर्माण पर 10 अरब सात करोड़ 58 लाख 70 हजार रुपये खर्च आने की उम्मीद थी। लेकिन, यह राशि इस बार बढ़ेगी। इस रेलखंड के तहत चार स्टेशन व एक हॉल्ट बनाने की अनुशंसा की गयी थी। इस रेलखंड को 25 टन से अधिक लोड लायक बनाया जाना है। रेललाइनों का जाल बिछेगा: वर्तमान में नालंदा जिले में तीन रेलखंडों पर गाड़ियां चल रही हैं। इनमें बख्तियारपुर-तिलैया, बिहारशरीफ-दनियावां और फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड शामिल हैं। बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड का निर्माण अंतिम चरण में है। अनुमानित ठहराव स्थल : 1. पावापुरी रोड 2. नानंद (हॉल्ट) 3. आदमपुर 4. समाई 5. नवादा अधिकारी बोले : ड्रोन सर्वे किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने पर एलाइनमेंट का खाका खींचा जाएगा। एलाइनमेंट खींचने में यह खास ख्याल रखा जाता है कि कम से कम संरचनाओं को क्षति पहुंचे। इसके निर्माण से रेलवे की आमदनी बढ़ेगी। साथ ही, दो जिलों के लोगों को सीधा लाभ होगा। देश-विदेश से आने वाले सैलानियों का सफर सहज, सुलभ व सस्ता हो जाएगा। शशिकांत प्रणय, प्रोजेक्टर इंजीनियर पावापुरी रोड-नवादा रेलखंड का सर्वे अंतिम चरण में है। इसके बाद स्वॉयल टेस्टिंग की जाएगी। तब डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। सर्वे के दौरान कई बिन्दुओं को ध्यान में रखा जाता है। ताकि, रेलखंड लाभकारी के साथ ही लोगों के लिए सुलभ हो। हर काम काफी तेजी से किया जा रहा है। ताकि, शीघ्र डीपीआर बनायी जा सके। अनिल कुमार, चीफ इंजीनियर, पूर्व-मध्य रेलवे
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