लापरवाही : डीएम के आदेश पर भारी पड़ रहे कलेक्ट्रेट के हाकिम और बाबू, तीसरी जांच में 4 मिले गायब
लापरवाही : डीएम के आदेश पर भारी पड़ रहे कलेक्ट्रेट के हाकिम और बाबू, तीसरी जांच में 4 मिले गायब लापरवाही : डीएम के आदेश पर भारी पड़ रहे कलेक्ट्रेट के हाकिम और बाबू, तीसरी जांच में 4 मिले गायब लापरवाही :...

लापरवाही : डीएम के आदेश पर भारी पड़ रहे कलेक्ट्रेट के हाकिम और बाबू, तीसरी जांच में 4 मिले गायब नहीं सुधर रही आदत, हफ्तेभर में तीसरे दिन के निरीक्षण में ड्यूटी से मिले फरार निरीक्षण बाद भी नहीं सुधर रहे हाकिम से लेकर बाबू, गायब रहने की फितरत जारी डीएम ने गायब रहने वाले अधिकारियों व कर्मियों से मांगा स्पष्टीकरण, दी चेतावनी फोटो : डीएम जांच : कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय का निरीक्षण करते डीएम कुंदन कुमार। बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि। हाकिमों और बाबुओं की करतूत से जहां आम जन तो परेशान हैं ही, उनपर डीएम के आदेश और फरमान का भी कोई असर नहीं पड़ रहा है।
हफ्तेभर पहले ज्वॉयन करने वाले डीएम कुंदन कुमार ने बुधवार को तीसरी दफा कलेक्ट्रेट के विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया। इसमें चार हाकिम व बाबू फरार मिले। वे सिर्फ ड्यूटी से गायब ही नहीं मिल रहे, बल्कि रजिस्टर व डाटा समेत कई कामों में लापरवाही बरतने के भी मामले सामने आये। डीएम के आदेश पर यहां के हाकिम और बाबू भारी पड़ रहे हैं। उनकी आदत नहीं सुधर रही है। वे पहले की तरह ही बेखौफ हो, उसी शैली में काम कर रहे हैं। डीएम कुंदन कुमर ने सोमवार को तीसरे दिन सांख्यिकी कार्यालय का निरीक्षण किया। उसमें भी वहां के चार हाकिम व बाबू गायब मिले। निरीक्षण बाद भी हाकिम से लेकर बाबू नहीं सुधर रहे हैं। उनके गायब रहने की फितरत जारी है। डीएम ने इन कर्मियों से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि काम से किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। इस तरह की लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनके गायब रहने से आम जनों का काम बाधित होता है। उन्हें हर हाल में कार्यालय में रहकर काम करना होगा। इस तरह की मनमानी नहीं चलेगी। कार्यालय से गायब रहने वाले में अवर सांख्यिकी पदाधिकारी निशिकांत कुमार, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार, उच्च वर्गीय लिपिक अंजनी कुमार व डाटा इंट्री ऑपररेटर प्रेम प्रकाश शर्मा शामिल हैं। उनकी इस अनुशासनहीनता पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जतायी है। कहा कि यह आचरण न केवल सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि कर्तव्य के प्रति लापरवाही और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। ऐसे लोगों पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। सांख्यिकी कार्यालय की कार्यप्रणाली पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। कार्यालय में प्रखंडवार और वर्षवार जन्म-मृत्यु आंकड़ों का ब्योरा देने में भी मीडिया कर्मियों से आनाकानी की जाती है। पंचायतवार वर्षापात के आंकड़े भी समय से पोर्टल पर अपलोड नहीं किये जाने की भी शिकायत है।
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