जाति गणना की रिपोर्ट पर अमल नहीं हुआ, तो राहुल गांधी ने फेक बताया; बिहार कांग्रेस चीफ की सफाई
बिहार में हुई जाति गणना को फेक बताए जाने पर राहुल गांधी एनडीए नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। अब कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान पर सफाई दी है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि जाति गणना की रिपोर्ट पर अमल नहीं हुआ, इसलिए राहुल ने इसे झूठा बताया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बिहार में हुई जाति गणना को फेक बताने पर सियासी पारा गर्माया हुआ है। अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने उनके बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठाए हैं। बल्कि नीतीश सरकार जातीय गणना की रिपोर्ट पर अमल नहीं कर रही है। इस कारण ही राहुल गांधी ने जातिगत गणना को झूठा करार दिया, क्योंकि केवल संख्या गिनने के लिए इसे नहीं करवाया गया था। इसका उद्देश्य वृहद और नीतिगत विकास पर आधारित था।
अखिलेश सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में रविवार को कहा कि बिहार में न तो आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया और न ही उसे 9वीं अनुसूची में शामिल किया गया। 95 लाख परिवारों को भी 2-2 लाख रुपये नहीं दिए गए। राहुल गांधी के कहने का आशय यही है कि ऐसी रिपोर्ट का क्या मतलब जब सरकार उस पर अमल ही नहीं करे। सरकार ने आधे-अधूरे मन से इसे लागू कराने की कवायद की।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब केंद्र और राज्य में भाजपा-जदयू की ही सरकार है तो क्यों नहीं इसे 9वीं अनुसूची में शामिल कराया गया, जिससे कोर्ट में मामला जाने से बच जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव में जदयू काम कर रही है।
बता दें कि राहुल गांधी ने शनिवार को पटना के बापू सभागार में आयोजित कांग्रेस के संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए जाति गणना को फर्जी करार दिया था। उन्होंने देशभर में जातिगत जनगणना की वकालत करते हुए कहा कि बिहार वाली जाति गणना फेक थी। इसके बाद वे एनडीए नेताओं के निशाने पर आ गए। दरअसल, बिहार में साल 2023 में जातीय गणना हुई थी। उस समय राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार थी। उस सरकार में कांग्रेस भी हिस्सेदार थी।