Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsUnemployed Motivators in Rural Areas Demand Reinstatement After 7 Years

बोले सहरसा : नियमित हो नौकरी, दें सम्मानजनक मानदेय

ग्रामीण क्षेत्रों में निरक्षरता को दूर करने के लिए काम करने वाले प्रेरक, जो पिछले सात साल से बेरोजगार हैं, सरकार से फिर से अनुबंध करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें काम पर रखा...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 24 Feb 2025 12:26 AM
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बोले सहरसा : नियमित हो नौकरी, दें सम्मानजनक मानदेय

ग्रामीण क्षेत्रों के निरक्षण महिला एवं पुरुषों को साक्षर करने के लिए रखे गए प्रेरक सात साल से बेरोजगार बैठे हैं। उनका ना तो अनुबंध बढ़ाया गया है और ना ही उन्हें मानदेय मिल रहा है। हालत यह हो गई कि उन्हें अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। भुखमरी की स्थिति बन बायी है। कई बार आंदोलनों के बाद उन्हें आश्वासन तो मिलता है लेकिन आज तक अनुबंध फिर से करने की दिशा में कोई समुचित कार्रवाई नहीं की गई है। हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान प्रेरकों ने अपना दर्द बयां किया। साथ ही सरकार से नौकरी नियमित करने की मांग की।

02 हजार 11 में आदर्श शिक्षक रोस्टर के तहत सहरसा जिले में प्रेरकों का किया गया था सरकार द्वारा चयन

02 हजार मानदेय सर्व शिक्षा अभियान द्वारा नियुक्ति के समय सरकार द्वारा दिया जाता था सभी महिला व पुरुष प्रेरकों को

07 सालों से अनुबंध कराने व नियमित मानदेय की मांग को लेकर विभाग एवं पटना का चक्कर लगा रहे प्रेरक

ले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 303 प्रेरकों का चयन निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए किया गया था। सात साल अनुबंध पर रखने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। इससे जिले के सैकड़ों प्रेरक सड़क पर आ गए। कुछ ने तो काम की तलाश कर ली, लेकिन अधिकांश अभी भी फिर से प्रेरक पद पर बहाल होने का मोह लिए विभाग की ओर टकटकी लगाए हैं। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान प्रेरकों ने कहा कि हमलोगों से शिक्षा विभाग नेे सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रम में नियमित कर्मचारियों की तरह काम लिया है। बिहार में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए हमलोगों ने 15 वर्ष से ऊपर की निरक्षर महिला एवं पुरुष को साक्षर बनाना, वृद्धा पेंशन सत्यापन कार्य, शिक्षा का अधिकार कानून का प्रचार प्रसार, नशा मुक्ति अभियान, शौचालय निर्माण कार्य, स्वच्छ भारत कार्यक्रम, मतदान का प्रतिशत बढ़ना, दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाना, मानव शृंंखला निर्माण को सफल बनाया है। नारी सशक्तीकरण जैसी योजना सहित सरकार संचालित अन्य कार्य में हमारी अहम भूमिका निभाई है। लगातार 7 वर्षों की सेवा करने के उपरांत अचानक वर्ष 2018 में सभी प्रेरक को कार्य मुक्त करते हुए घर बैठा दिया गया है। हम लोगों की स्थिति अभी बिल्कुल दयनीय बनी हुई है। घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। बच्चों को सही शिक्षा नहीं दिला पा रहे हैं। यदि घर में कोई बीमार होता है तो उसका इलाज सही से नहीं कर पा रहे हैं। हम सभी प्रेरक भुखमरी के कगार पर हैं। जो समय महत्वपूर्ण था उस समय सरकार ने हमसे काम लिया और अभी जब हम लोग अन्य काम करने लायक नहीं है तो हम लोगों को निकाल दिया गया है। यह बिल्कुल ही दोहरी नीति अपनाई जा रही है। वर्तमान में जिले सहित पूरे राज्य की साक्षरता दर अन्य प्रदेशों की तुलना में खराब है। लिहाजा साक्षरता बढ़ाने के लिए उन्हें फिर से काम पर रखना चाहिए।

50-50 प्रतिशत महिला व पुरुष का हुआ था चयन

प्रेरकों ने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में आदर्श प्राथमिक शिक्षक चयन रोस्टर के अनुसार 50 प्रतिशत महिला और 50 प्रतिशत पुरुष आरक्षण के तहत प्रेरक समन्वयक का चयन किया गया था। उन्होंने सरकार से पुन: अपनी चयन सेवा को शुरू करने का मांग की है। कहा कि सरकार हमारी समस्या को भी समझे और हमलोगों का इसके सिवा और कोई सहारा नहीं है। प्रेरकों ने कहा कि सात साल सेवा व सात साल इंतजार के बाद उम्र सीमा भी समाप्त हो गई है। लिहाजा उन्हें कही नई नौकरी भी नहीं मिल रहा है। और अधिकांश में उम्र अधिक होने के कारण आवेदन के पात्र भी नहीं हैं। ऐसे में वे बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।

शिकायतें

1. सरकार ने हम प्रेरकों को बीच रास्ते पर में छोड़ दिया है।

2. दो हजार के मानदेय में हमलोगों ने काम किया है।

3. उम्र खत्म हो गई है आवेदन की। ऐसे में कहीं अन्य जगह काम नहीं कर सकते हैं।

4. नौकरी नहीं रहने से परिवार का भरण-पोषण कर पाना मुश्किल हो गया है।

सुझाव

1. सरकार हमलोगों को फिर से प्रेरक में चयन करें ताकि हमारा भविष्य ठीक हो सके।

2. आज के समय के अनुसार प्रेरक को मानदेय दिया जाए।

3. समय रहते हमलोगों का चयन होगा तो समाज की साक्षरता के लिए काम करेंगे।

4. फिर से चयन होने से हमारा परिवार खुशहाल हो सकेगा।

सुनें हमारी बात

सरकार द्वारा हम सभी प्रेरक को फिर अनुबंध पर लिया जाए। जिससे बेरोजगारी दूर हो सके।

इंद्रभूषण कुमार

हमलोगों की स्थिति बेहद खराब है। स्थिति ऐसी है कि बच्चे को शिक्षा नहीं दिलवा पा रहे हैं।

पिंकी कुमारी

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगाने वाले हम लोग आज बेरोजगार बनकर बैठे हैं।

पम्पी कुमारी

अभी के समय मे परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।हमलोग किसी काम के नहीं रहे हैं।

बेबी कुमारी

हमलोगों ने सरकार के निर्देश पर काम किया है। लोगों को साक्षर बनाने में योगदान देते हैं।

रंजन पासवान

आदर्श प्राथमिक शिक्षक चयन रोस्टर के अनुसार चयन हुआ है। फिर भी परेशान किया जा रहा।

अजय राम

सात साल काम करने के बाद सरकार ने हमें हटा दिया।हमारा जीवन यापन कैसे होगा।

जय माला कुमारी

7 साल से इंतजार में हैं कि सरकार हम लोगों को फिर से अनुबंध पर रखेगी।

गौरी शंकर झा

काम के बिना बेकार हैं। काम पर जाएंगे तब हमलोगों का परिवार सही से चल सकेगा।

वीणा देवी

सात साल सेवा व सात साल इंतजार के बाद उम्र सीमा भी समाप्त हो गई है। अब क्या करें।

बैद्यनाथ प्रसाद

हम लोगों से सरकार ने सभी प्रकार के काम लिये। अब हमें बेरोजगार भटका रही है।

रतन यादव

प्रेरक का अनुबंध खत्म होने से हमलोगों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। बीरेंद्र कुमार जयसवाल

किसी प्रेरक को मानदेय अभी नहीं दिया जा रहा है। घर बैठा दिया गया है। जिससे परेशान हैं

योगेंद्र साह

हम सभी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। सरकार हमारी स्थिति देखते फिर से अनुबंध कराए।

मो. नईम

नशा मुक्ति, बाल विवाह रोकना आदि महत्वपूर्ण काम हमलोगों ने किया। हमें बहाल करना चाहिए।

उमेश कुमार

बोले जिम्मेदार

प्रेरकों को सरकार की नीति के तहत अनुबंध पर रखा गया था। विभागीय निर्देश के आलोक में उनका अनुबंध समाप्त कर दिया गया। नये अनुबंध के संदर्भ में अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। अगर प्रेरकों की तरफ से कोई आवेदन आता है तो उसे ऊपर के अधिकारी के पास भेज दिया जाएगा। जैसा विभाग का निर्देश मिलेगा उस तरह की कार्रवाई होगी।

-अनिल कुमार, डीईओ

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