बोले जमुई: कॉलोनी के लोगों को 30 साल से है सड़क बनने का इंतजार
जमुई शहर का विस्तार 1 किलोमीटर से 5 किलोमीटर तक हो गया है, लेकिन पीएनबी से पश्चिम जाने वाली सड़क का निर्माण 30 वर्षों से नहीं हुआ। राजा नगर कॉलोनी में 5000 से अधिक लोग मुख्य सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं।...
जमुई शहर पहले एक किलोमीटर की रेडियस में सिमटा था। तीन दशक बाद अब शहर का रेडियस पांच किलोमीटर का हो गया है। इस दौरान कई नई-नई कॉलोनी बस गई। दुर्भाग्य यह है कि शहर का हृदय कहे जाने वाले पीएनबी से पश्चिम की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण 30 वर्षों में नहीं कराया जा सका। 30 वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद ब्रह्मानंद मंडल के फंड से सड़क का निर्माण हुआ तो वहां एक बड़ी कॉलोनी बस गई। उसके बाद सड़क निर्माण पर नगर परिषद ने ध्यान नहीं दिया। सड़क पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
10 से अधिक क्लीनिक हैं इस रोड में, मरीजों की रहती है भीड़
20 साल पहले यहां सड़क किनारे होती थी खेती, हो गई बंद
05 हजार से अधिक लोगों का मुख्य सड़क से जुड़ाव नहीं
शहर के कई मोहल्ले हैं जिनकी पहचान वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए, डॉक्टर को क्लीनिक के लिए, हॉस्टलों के लिए है। शहर में नई-नई कॉलोनी बस गई। लेकिन सुविधा के नाम पर जीरो है। इन्हीं में से एक है शहर के बीचोबीच पश्चिम की ओर बसी एक नई कॉलोनी राजा नगर। इस कॉलोनी की पहचान आज डॉक्टर रोड के होती है। इस मार्ग पर अभी 10 से अधिक क्लीनिक हैं, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीजों का आना-जाना रहता है। दुर्भाग्य है कि इतना महत्वपूर्ण कॉलोनी बस जाने के बाद भी यहां सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका। जब सड़क ही नहीं बनी, तो अन्य सुविधाओं की बात करना भी बेमानी है। ना तो नालियों के पानी के निकास की व्यवस्था है ना ही अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस कॉलोनी की मुख्य सड़क का निर्माण करीब 30 वर्ष पूर्व सांसद ब्रह्मानंद मंडल के कोटे से कराया गया था। उसके बाद से आज तक नगर परिषद में इस सड़क के बनने पर ध्यान नहीं दिया। यह सड़क नई कॉलोनी वासी करीब 5000 से अधिक लोगों के घर को मुख्य सड़क से जोड़ती है। बावजूद सड़क का नहीं बनना स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है।
तंग गलियों में बन गए सैकड़ों मकान : जमुई का राजा नगर मुहल्ला कभी वीरान हुआ करता था। आज इस कॉलोनी में कहीं जगह खाली नहीं दिखती। तंग गलियों में सैकड़ों मकान बन गए। मकान बनने के दौरन नगर परिषद ने ध्यान नहीं दिया। नतीजा हुआ कि तीन-तीन फीट की गली में लोगों के घर बने हैं जहां बाइक भी मुश्किल से पहुंचती है। हलांकि इस कॉलोनी को जोड़ने के लिए वाली मुख्य सड़क काफी चौड़ी है। बावजूद इसके निर्माण पर ना तो नगर परिषद ना ही जननिधियों ने कोई ध्यान दिया। चार वार्ड को जोड़ने वाली यह कॉलोनी बदहाल बन कर रह गई है। एक समय नगरिकों को भरोसा था, जब इस मार्ग पर घर बनेंगे तो सड़क का निर्माण होगा। बिजली के खंभे और तार सही हो जायेंगे सड़क अच्छी हो जाएगी। लेकिन समय के साथ लोगों का भरोसा टूटता चला गया और तीन दशक जाने के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ।
बुजुर्ग महेश कुमार बताते हैं कि पहले इस मार्ग पर रात की बात तो दूर, दिन में भी लोग जाने से डरते थे लेकिन सड़क बनने के बाद लोगों ने तेजी से मकान के लिए जमीन खरीदी। मकान बनाए। लेकिन सुविधाएं जीरो रहीं। अब स्थिति यह है कि घर-घर से निकलने वाले पानी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क व खाली पड़ी जमीन पर गंदगी और गंदा पानी फैला रहता है। मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ा रहता है। विक्रम कुमार, मदन, मोहन, अनीता आदि ने बताया कि कुछ नालियां तो ऐसी बना दी गई जो उल्टी ही बहती हैं। पानी खाली प्लॉट में चला जाता है। एनएच 333 की ओर से राजा नगर को जोड़ने वाली सड़क के किनारे किनारे एक चौड़ी नहर है। पहले इस मार्ग पर खेती होती थी पिछले 20 साल से खेती लगभग बंद है। कई नए मकान बने तो दुकानें खुलीं। अब इस मार्ग पर एक दर्जन के लगभग क्लीनिक हैं। लोगों ने अपने हिसाब से नहर को घेर कर रास्ता बना लिया। अब खाली बची नहर कूड़े का डंपिंग जोन बन गया है। नहर चौड़ी है। इसकी कभी सफाई नहीं हुई। मुहल्ले में भी सुविधा का अभाव है। ऐसे में कचरा नहर में ही फेंका जाने लगा।
कचरे का नहीं होता है उठाव, पनपते हैं मच्छर
रजा नगर मोहल्ले में विभिन्न स्थानों पर जमा कचरे का उठाव नगर परिषद द्वारा नहीं किया जाता है । कचरे में मौजूद पॉलीथिन को मवेशी खा लेते हैं जिससे मवेशियों को भी परेशानी हो जाती है । कचरे हवा उड़ने के कारण इधर-उधर बिखर जाते हैं जिससे आने-जाने वाले लोगों को फेफड़े और श्वसन की बीमारी भी हो सकती है। कचरे में मौजूद बासी खाने को जानवर खाने के लिए इधर-उधर दौड़ लगाते हैं जिससे बच्चों और महिलाओं को परेशानी हो जाती है। लोगों ने इस मोहल्ले की साफ-सफाई प्रतिदिन कराने की मांग की है । जगह-जगह डस्टबिन देने की मांग की है। ताकि अपने आसपास ही उसे कूड़ेदान में डाल सकें। साथ ही इस मोहल्ले में फॉगिंग कराने की भी मांग की है।
आग लगी, तो दमकल को पहुंचने में होगी परेशानी
मोहल्ले की गलियां संकरी हैं। इस कारण कभी आग लगने के बाद अग्निशमन वाहन इन सकरी गलियों में नहीं जा सकेंगे। ऐसे में बड़े नुकसान की आशंका है। गालियों के ऊपर बिजली के तार भी दौड़ रहे हैं। इसे विभाग द्वारा ठीक किया जाना है या कवर तार लगाना है। लेकिन इस दिशा में अभी तक पहल नहीं की है। हालांकि यह मोहल्ले वालों को ही सोचना होगा कि हमारी सुरक्षा कैसे सुनिश्चि हो। सबसे पहले गलियों को अतिक्रमणमुक्त कर साफ रखना होगा। इसमें प्रशासनिक सहभागिता जरूरी है। इसके बाद बिजली के तारों को व्यवस्थि करना होगा। ताकि आपात स्थिति में ये बाधा नहीं बने। मोहल्ले से जलजमाव दूर करना होगा, ताकि आपदा मेंे वाहन आसानी से मोहल्ले में आ सकें।
मोहल्ले में जलजमाव से लोगों को होती है परेशानी
राजा नगर मोहल्ले में जलजमाव से लोगों को परेशानी होती है खासकर बरसात के समय में जो खाली जमीन है वहां जलजमाव हो जाता है। जलजमाव वाले इलाके से पानी की निकासी नहीं होने के कारण यह जलजमाव काफी दिनों तक क्षेत्र में बना रहता है। इससे मच्छर व अन्य की पतंगे पनपते हैं जिससे आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। बीमारी का खतरा भी बना रहता है। खाली जमीनों पर जब लोग घर बनाते हैं तो वह जलजामाव बगल की खाली जमीन पर शिफ्ट कर जाता है। ऐसे में लोगों को जलजमाव से मुक्ति नहीं मिल पाती। ऐसे में मच्छर पनपते हैं। लोगों को बीमार होने का भय सताता रहता है। इलाके के लोगों ने नगर परिषद से पानी की निकासी की मांग की है।
शिकायतें
1. कॉलोनी में सड़क जर्जर है। गली की सड़क पर पानी बहता है। बारिश में जाना-आना मुश्किल हो जाता है।
2. पानी के लिए टंकी तो लगी लेकिन अधिकांश घरों में कनेक्शन नहीं हुआ। कई जगह सड़क पर ही पानी बहता है।
3. कॉलोनी में चोरी की घटनाएं होती हैं। नाली बनाने में मानक का पालन नहीं किया गया।
4. नियमित सफाई नहीं होने से गंदगी पसरी रहती है। डस्टबिन नहीं रखा गया, गलियां संकीर्ण हैं। इससे परेशानी होती है।
5. कई लोगों के घर तक बिजली का तार नहीं पहुंचा है। बांस के सहारे लोगों ने अपना बिजली कनेक्शन लिया है।
सुझाव
1. कॉलोनी में जलजमाव की समस्या है। शीघ्र उपाय किए जाने चाहिए, ताकि पानी की निकासी हो जाए।
2. जिन मकानों में कनेक्शन हो चुका है, वहां जलापूर्ति सुनिश्चित हो। घर-घर नल जल योजना को नगर परिषद सार्थक करे ।
3. पुलिस की गश्त बढ़े, ताकि उचक्के नहीं दिखें। चोरी की समस्या का समाधान हो।
4. नियमित झाड़ू लगे। डस्टबिन रखा जाए। सड़कों किनारे जगह-जगह डस्टबिन रखें। ताकि सड़क पर गंदगी ना फैले।
5. बिजली का पोल व तार लगाया जाए, ताकि लोगों की बिजली की समस्या दूर हो।
सुनें हमारी बात
सड़क जर्जर होने के कारण वाहन चालक इस सड़क में आना ही नहीं चाहते हैं।
सिकंदर खान
जलजमाव की समस्या है। आसपास खाली जमीन पर गंदगी पसरी रहती है।
कासिम खान
नगर परिषद नियमित सफाई करे। ताकि स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य पूरा हो सके।
शहबाज खान
क्लीनिक के कचरे को उठाने के लिए अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए।
मो.सज्जाद खान
संकरी गलियों में लोगों के लिए जाना जाना आना जाना मुश्किल होता है।
शमशेर आलम
सुरक्षा को लेकर यहां नियमित पुलिस गश्त हो, ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।
अमन शेख
झाड़ू कभी-कभी लगती है, इसे नियमित करे। ताकि सफाई बनी रहे।
मो. डब्लू
रोशनी का अभाव है। चोरी बढ़ गई है। पुलिस गश्ती अधिक होनी चाहिए।
मो. बबलू सिपाही
सैकड़ों घर बन गए लेकिन उन घरों तक कैसे पहुंचें, यह बहुत भारी समस्या है।
मो. शेख
यहां पहले नहर थी, उसमें कूड़ा भर दिया है। नहर की सफाई कराई जानी चाहिए।
मो.ताज
स्ट्रीट लाइट की संख्या बढ़ाई जाए ताकि रोशनी की परेशानी दूर हो सके।
मो.सलमान शेख
नालियों का निर्माण मानक के अनुसार कराएं, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।
मो.आकिब शेख
बोले अधिकारी
नगर परिषद की कोई सड़क कच्ची है, तो नगर परिषद से अधिकारी से बात कर इसका निर्माण कराया जाएगा। बाकी अन्य समस्याओं को भी दूर कर लिया जाएगा। जमुई में अधिकांश सड़कें बना दी गई हैं। मामला संज्ञान में आया है। इसके भी निर्माण के लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया जाएगा।
अभिलाषा शर्मा, डीएम, जमुई
शहर के कई सड़कों के जीर्णोद्धार को लेकर डीपीआर तैयार किया गया है। निविदा निष्पादन के उपरांत कार्य शुरू कराया जाएगा। इसके पूर्व में भी कई सड़कों के जीर्णोद्धार को लेकर संबंधित चयन एजेंसी को कार्य आवंटित किया गया है।
प्रियंका कुमारी, ईओ, नगर परिषद जमुई
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