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बोले जमुई: जाम से निजात और सरकारी मदद मिले तो बढ़ेगा कारोबार

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Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 16 Feb 2025 10:28 PM
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बोले जमुई: जाम से निजात और सरकारी मदद मिले तो बढ़ेगा कारोबार

जमुई, राजीव कुमार/सेंटू कुमार जमुई में फूल व्यवसाय से करीब सौ से अधिक परिवारों का जीविकोपार्जन चल रहा है। जिले में फूल से संबंधित कारोबार की करीब 70 से 80 छोटी-बड़ी दुकानें चल रही हैं। फूल व्यवसाय से जुड़े सबसे अधिक संख्या की आबादी शहर के पुरानी बाजार में अपना कारोबार चला रहे हैं। फूलों से संबंधित व्यवसाय पूर्णतया मौसम और पर्व पर निर्भर है। शादी, लगन, त्योहार, चुनाव एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रम में इसकी मांग सबसे अधिक रहती है। ऑफ सीजन में सबसे ज्यादा दिक्कत फूल कारोबारी को होती है। कई बार फूल की गाड़ियां ट्रैफिक में फंसे होने के कारण मुरझा जाने से इन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। फूल व्यवसायियों का कहना है कि उन्हें सरकार के तरफ से व्यवसाय में आर्थिक मदद मिलनी चाहिए।

दूसरे शहर से निर्यात होती है फूल :

जमुई जिले में लगभग सभी फूल व्यवसायी कोलकाता से फूल का आयात करते हैं। जिले में अपना फूलों की खेती नहीं होने के कारण अन्य राज्यों एवं शहरों से व्यवसायियों को फूल मंगवाना पड़ता है। इस कारण कई बार समय पर फूल ट्रैफिक में फंसने के कारण भी गाड़ियां विलंब से पहुंचती हैं एवं अन्य शहरों से आयात करने पर गाड़ी भाड़ा, टोल टैक्स आदि खर्चे को जोड़ने के बाद यहां पर उन्हें महंगे दाम में फूलों की खरीद करनी पड़ती है। जमुई जिले में सबसे अधिक फूलों की खपत होती है। अत्यधिक मांग होने के बावजूद शहर में फूल कारोबारी की स्थिति में अबतक कोई आर्थिक उन्नति नहीं दिखती है। कारण यह है कि फूलों की मांग तो अधिक है लेकिन समय से कभी फूल नहीं पहुंच पाने के कारण फूल मुरझा जाने के बाद उन्हें उनके दाम नहीं मिल पाते जिस कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

हर रोज सड़क पर वाहन से होता है घंटों जाम

जमुई के थाना चौक पर फूलमाला बेचने वाले लोगों की एक साथ दर्जनों दुकानें चल रही है। फूल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि उनकी दुकान के आसपास महाराजगंज चौक से लेकर पुरानी बाजार तक बनी सड़क पर हर रोज जाम की समस्या बनी रहती है। जाम की समस्या के कारण खरीदारों को उनकी दुकान तक पहुंचने में परेशानी होती है जिस कारण कई बार लोग खरीदारी के लिए उसे रास्ते में जाने से बचते हैं। उन लोगों का कहना है कि ट्रैफिक के नियम का सख्ती से पालन कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसके तहत सुबह आठ बजे से शाम के आठ बजे तक किसी भी प्राइवेट चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर, ऑटो आदि का प्रवेश को रोकना सुनिश्चित करें ताकि जाम से निजात मिल सके। उन लोगों का कहना है कि आए दिन उसी रास्ते से ट्रैक्टर, माल वाहक वाहन, चार पहिया, ऑटो आदि कई तरह के छोटी बड़ी बहनों का प्रवेश दिन भर लगा रहता है जिस कारण उन्हें दुकानदारी करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लोगों के लिए नहीं है पब्लिक टॉयलेट :

थाना चौक के पास सड़कें सकरी होने के कारण वहां के निवासी एवं व्यवसायिकों को हर रोज अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय फूल व्यवसायियों का कहना है कि उनके क्षेत्र में एक भी पब्लिक टॉयलेट नहीं बना है जिस कारण उनकी दुकान पर आने वाले लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि शादी एवं पर्व के अवसर पर उनकी दुकानों पर काफी संख्या में पुरुष के साथ महिलाएं भी आती हैं। क्योंकि वे लोग फूल के साथ-साथ शादी एवं पूजा की भी सभी सामग्री बेचते हैं तो लोगों को कई घंटे तक उनकी दुकानों पर खरीदारी करने के लिए रुकना पड़ता है। उस बीच अगर किसी को शौच लगता है तो उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है। साथ ही उनके मोहल्ले में पीने के लिए कोई सरकारी नल जल योजना के तहत मिलने वाली सुविधा का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है।

सूखे एवं गीले कचरे का लगे डस्टबिन

जमुई के थाना चौक पर बड़ी संख्या में फल सब्जी एवं फूल विक्रेताओं की मंडी लगती है। इस कारण हर रोज उसे सड़क पर सब्जियों की डंडिया एवं सड़े-गले फल के साथ बासी फूलों का ढेर भी सड़क पर अथवा सड़क के किनारे लगा रहता है। वहां के स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि नगर परिषद द्वारा उन्हें हर तीसरी दुकान के बाहर एक गीला एवं सूखा कचरा को फेंकने के लिए डस्टबिन लगाने की जरूरत है, ताकि लोग डस्टबिन में कूड़े को डंप कर सके। इससे शहर भी स्वच्छ रहेगा और रास्ते पर कचरे भी भी नहीं होगा। साथ ही शाम के वक्त सबसे व्यस्ततम मार्केट में हर पोल पर लाइट लगाने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि शाम के वक्त कई बल्ब खराब होने के कारण रोशनी की कमी सड़कों पर रहती है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होती है।

समस्या

1 दुकान के बाहर सड़क के किनारे एवं सड़कों पर सड़े गले फल और सब्जियां एवं सूखे फूलों के कचरे यत्र-तत्र बिखरे पड़े रहते हैं।

2 शाम के वक्त बाजार में कई गलियों में अंधेरा छाया रहता है। बिजली के खंभे पर लगे कई बल्ब कई दिनों से खराब पड़े हैं।

3 बाजार में फल, सब्जी एवं फूल की दुकान होने के कारण सड़कों पर मवेशियों का जमघट लगा रहता है।

4 दुकान पर आए खरीदारों के लिए आसपास के इलाके में एक भी पब्लिक टॉयलेट नहीं होने के कारण परेशानी होती है।

5 पुरानी बाजार वाली सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इससे जाम का लोगों को सामना करना पड़ता है।

समाधान

1 सब्जी मंडी एवं फूल मंडी वाले दुकानों के बाहर गीलं एवं सूखे कचरे का डस्टबिन लगाने से कचरे का बिखराव काम होगा।

2 सड़क किनारे बने बिजली पोलों पर जांच कर सभी खराब पड़े बल्ब को बदलकर ठीक करने की जरूरत है ताकि रोशनी की समस्या खत्म हो जाए ।

3 नगर परिषद को सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों की सुधि लेने एवं वहां जमे कचरे का हर दिन समय से उठाव करने की जरूरत है ।

4 शहर के सबसे व्यस्ततम इलाका होने के कारण वहां पर प्रशासन एवं नगर परिषद को शौचालय एवं मूत्रालय बनाने की जरूरत है ।

5 प्रशासन को ट्रैफिक नियम को सख्ती से पालन कराने की जरूरत है। नो इंट्री में बड़े वाहनों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है।

हमारी भी सुनें

1, फूल व्यवसाय से जुड़े सबसे अधिक संख्या की आबादी शहर के थाना के बगल में है। यहां ट्रैफिक व्यवस्था के कारण फूल कारोबारी को काफी परेशानी होती है। - मुन्ना कुमार

2, महज 200 मीटर दूर थाना रहने के बावजूद ट्रैफिक व्यवस्था ठीक नहीं है, जिसके कारण कारोबारी ही नहीं बल्कि फूल खरीदने के लिए आने वाले ग्राहकों को भी काफी दिक्कत होती है। - आदित्या राज

3, कई बार तो इन मार्गों में जाम के कारण ग्राहक दुकान आकर लौट जाते हैं। जिस वजह से दुकानदारी भी खराब होती है। कई बात तो ऐसा भी हुआ की जाम के कारण दुकान में बोहनी तक भी नहीं हुई। - पियुष सैनी

4, शादी लगन त्योहार एवं चुनाव या अन्य सामाजिक कार्यक्रम में फूलों की मांग सबसे अधिक रहती है। अन्य दिनों में कारोबार बिल्कुल ठप हो जाता है। इससे घर चलना मुश्किल हो जाता है। - शिवू मालाकार

5, हम बाहर से फूल मांगते हैं, लेकिन बिक्री नहीं होने पर सारे फूल सड़-गल जाते हैं। इससे कारोबारियों को भारी नुकसान सहना पड़ता है। सरकार इस पर ध्यान दे। - विकास मालाकार

6, थाना चौक के पास एक दर्जन से अधिक फूल की दुकान है, लेकिन कभी कभार फूल सड़ या गल जाता है तो उसे फेंकने के लिए यहां कूड़ेदान का व्यवस्था नहीं है। नगर प्रशासन से मांग है कि यहां पर एक कूड़ादान दिया जाए। - गोलू कुमार

7, लग्न या अन्य उत्सवों में फुल व्यवसियों का रोजगार तो ठीक चलता है, लेकिन ऑफ सीजन में काफी दिक्कत होती है। सरकार को इस पर गहनता से विचार करना चाहिए। - गौरव कुमार

8, कोलकाता या अन्य शहरों से फूल मंगाने के दौरान कई बार फूल की गाड़ियां ट्रैफिक में फंस जाती है और घंटों देर तक जाम में फसे रहने के कारण फूल मुरझा जाता है। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। - आदित्य कुमार

9, सरकार की तरफ से फूल व्यवसायियों को किसी भी प्रकार का कोई आर्थिक मदद नहीं दी जाती है। सरकार को चाहिए कि फूल व्यवसायियों के लिए भी कोई योजना लाए। - अरविन्द कुमार मालाकार

10, हमें फूल बाहर से मंगाना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि जिले में भी फूलों की खेती पर बढ़ावा देना चाहिए जिससे मालियों को कम कीमतों पर फूल उपलब्ध हो सके। - ऋषव कुमार

11, कोलकाता या अन्य शहरों से फूलों का निर्यात करने पर गाड़ी भाड़ा, टोल टैक्स आदि खर्चे को जोड़ने के बाद यहां पर उन्हें महंगे दाम में फूलों के खरीद करनी पड़ती है। इससे बिक्री करने में भी दाम बढ़ाने पड़ते हैं। - बाली कुमार

12, थाना चौक के पास एक साथ एक दर्जन से अधिक फूलों की दुकान है। लेकिन यहां एक भी पब्लिक टॉयलेट नहीं बना है। जिस कारण उनके दुकान पर आने वाले लोगों को परेशानी होती है। - सुजीत मालाकार

13, गर्ल्स स्कूल के बगल में पहले एक कूड़ेदान था, लेकिन उसे प्रशासन द्वारा तोड़कर हटा दिया गया जिससे फूल व्यवसायियों को सड़े गले फूलों को सड़क पर ही फेंकना पड़ता है। यहां एक कूड़ेदान का होना अति आवश्यक है। - रविन्द्र मालाकार

14, गर्ल्स स्कूल से लेकर थाना चौक तक पर्याप्त लाइट भी नहीं है। इससे लग्न के समय में व्यवसायियों को गाड़ी सजाने में काफी परेशानी होती है। यहां पर्याप्त मात्रा में लाइट की व्यवस्था हो। - मो. मूसा

15, थाना चौक से लेकर महाराजगंज रोड बड़ी आबादी वाला शहर है। इसके बावजूद इन मार्गों में बड़े वाहनों का प्रवेश होता है। कई बार तो सड़क घंटों तक जाम रहती है। इससे दुकानदारी भी ठप हो जाती है। - सूरज मालाकार

16, फूल व्यवसायियां को हर रोज चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कभी फूलों की गाड़ी ट्रैफिक में फंस जाती है तो कभी फूल सड़ गल जाता है। इससे नुकसान सहना पड़ता है। - संजीत कुमार

बोले जिम्मेदार :

थाना चौक के आसपास एवं सब्जी मंडी के पास हर रोज कूड़े का दिन में दो बार उठाव होता है। स्थल की जांच कर कर जहां भी डस्टबिन लगाने की जरूरत होगी वहां डस्टबिन लगवा दिया जाएगा। इसके अलावा व्यवसायियों के जरूरत की और भी जो चीज हैं उसकी जांच करके उसे त्वरित ठीक करवा लिया जाएगा।

प्रियंका गुप्ता, ई.ओ, नगर परिषद, जमुई ।

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