बोले पूर्णिया : सरकारी कर्मी का दर्जा और सुविधाएं बढ़ाने की हो पहल
पूर्णिया जिले में 589 कार्यपालक सहायक कार्यरत हैं, जो सरकारी योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे स्थायी रोजगार, वेतन वृद्धि, और चिकित्सा सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में...
कार्यपालक सहायक सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं को पंचायत से लेकर प्रमंडल स्तर तक प्रभावी रूप से लागू करने में अहम भूमिका निभाते हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद करते हैं। सरकारी नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सहायक होते हैं। उनकी सक्रिय भागीदारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू और प्रभावी बनाती हैं, जिससे आम जनता को त्वरित सेवाएं मिलती हैं। अपनी महत्वपूर्ण सेवाओं के बावजूद, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें अस्थायी रोजगार, बुनियादी सुविधाओं की कमी और संसाधनों की अनुपलब्धता शामिल है। इन लोगों ने सेवा नियमित करने और अन्य सरकारी कर्मियों की तरह सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।
05 सौ 89 कार्यपालक सहायक कार्यरत हैं पूर्णिया जिले में
26 हजार 249 रुपये वर्तमान में मिल रहा है मानदेय
12वीं पास होना नियोजन की योग्यता करने की मांग
पूर्णिया जिले में 589 कार्यपालक सहायक कार्यरत हैं। अभी उन्हें 26 हजार 249 रुपये मानदेय मिल रहा है। वे राज्यकर्मी की दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। मृत्यु पर अनुकंपा के आधार पर नियोजन, अन्य सरकारी कर्मियों की तरह मेडिकल सुविधा भी चाह रहे हैं। कार्यपालक सहायक सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं को पंचायत से लेकर जिला स्तर तक प्रभावी रूप से लागू करने में अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि, अपनी महत्वपूर्ण सेवाओं के बावजूद, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें अस्थायी रोजगार, बुनियादी सुविधाओं की कमी और संसाधनों की अनुपलब्धता शामिल है। अब यह मांग जोर पकड़ रही है कि उनकी सेवाओं को नियमित किया जाए और उन्हें अन्य सरकारी कर्मियों की तरह सुविधाएं प्रदान की जाएं। बता दें कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने में कार्यपालक सहायक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद करते हैं और सरकारी नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सहायक होते हैं। उनकी सक्रिय भागीदारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू और प्रभावी बनाती है, जिससे आम जनता को त्वरित सेवाएं मिलती हैं।
राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग :
कार्यपालक सहायकों का कहना है कि उनकी जिम्मेदारियों को देखते हुए, उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाना चाहिए। अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह उन्हें वेतन वृद्धि, स्थायी रोजगार और अन्य लाभ मिलने चाहिए, ताकि वे अधिक उत्साह और समर्पण के साथ अपने कार्यों का निष्पादन कर सकें। कार्यपालक सहायकों को भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की भांति चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। कई बार कार्य के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, लेकिन उचित चिकित्सा लाभ न मिलने के कारण वे कठिनाइयों का सामना करते हैं। सरकार को चाहिए कि उन्हें मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि वे बिना किसी चिंता के अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। जिस प्रकार शिक्षकों की सेवाओं को नियमित किया गया है, उसी प्रकार कार्यपालक सहायकों की सेवाओं को भी स्थायी किया जाना चाहिए। वे प्रशासनिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, फिर भी अस्थायी रोजगार के कारण वे असुरक्षित भविष्य की चिंता में रहते हैं। उनकी सेवाओं को नियमित करने से न केवल उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी अधिक प्रभावी होगा।
मृत्यु पर अनुकंपा के आधार पर हो नियोजन :
अगर किसी कार्यपालक सहायक की मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार दिया जाना चाहिए। यह न केवल उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ाएगा। वर्तमान में कार्यपालक सहायकों को अपने निजी कंप्यूटर सिस्टम के साथ कार्यस्थल पर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार को इस परंपरा को समाप्त करते हुए, उन्हें आवश्यक उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने कार्यों को सुचारू रूप से कर सकें।
बहाली प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत :
कार्यपालक सहायकों की बहाली जिला स्तर पर एक पारदर्शी पैनल तैयार कर की जानी चाहिए। इसके अलावा, उनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाकर 12वीं कक्षा (इंटर पास) किया जाना चाहिए, ताकि अधिक योग्य और कुशल उम्मीदवारों का चयन किया जा सके। बता दें कि वर्तमान समय में आरटीपीएस काउंटरों पर अत्यधिक भीड़ रहती है, लेकिन वहां पर्याप्त लाइट, इंटरनेट और अन्य सुविधाओं का अभाव है। इससे कार्यपालक सहायकों को कार्य करने में कठिनाई होती है। सरकार को इन बुनियादी समस्याओं का समाधान करते हुए कार्यस्थलों को बेहतर संसाधनों से लैस करना चाहिए। सरकार को इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर कार्यपालक सहायकों की स्थिति में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
कार्यपालक सहायकों को विभागीय स्तर पर अवकाश की मिले सुविधा
कार्यपालक सहायकों को अब अन्य सरकारी कर्मियों की तरह विभागीय स्तर पर अवकाश स्वीकृति की सुविधा मिलनी चाहिए। इस संबंध में सरकार के वरीय अधिकारी से अनुरोध किया गया है। वर्तमान में, कार्यपालक सहायकों को अवकाश स्वीकृति के लिए जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जिससे उन्हें असुविधा होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि वे भी अन्य सरकारी कर्मियों की भांति सीधे अपने विभाग से अवकाश स्वीकृति प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम से कार्यपालक सहायकों को राहत मिलेगी और प्रशासनिक कार्यों में भी सुगमता आएगी। कर्मचारी संघों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे उनके अधिकारों की दिशा में सकारात्मक कदम बताया है।
शिकायतें
1. कार्यपालक सहायक को अब तक नहीं किया गया नियमित
2. मेडिकल की नहीं दी जाती सुविधाएं
3. पे ग्रेड में नहीं की जाती बढ़ोतरी
4. मृत्यु बाद आश्रितों को नहीं है अनुकंपा पर बहाली की सुविधा
5. आरटीपीएस कांउटर में लगती है अत्यधिक भीड़
6. सुरक्षा की नहीं है कोई सुविधा
सुझाव
1. कार्य के आधार पर सरकार के स्तर से सेवा नियमित करनी चाहिए।
2. कार्यपालक सहायक को भी मेडिकल सुविधा दी जानी चाहिए।
3. अन्य कर्मियों की भांति कार्यपालक सहायक को भी पे ग्रेड की सुविधा मिलनी चाहिए।
4. मृत्यु बाद आश्रितों की अनुकंपा पर बहाली की जानी चाहिए।
5. भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस बल की हो प्रतिनियुक्ति।
6. कार्य के दौरान प्रशासन को सुरक्षा की करनी चाहिए व्यवस्था।
बोले जिम्मेदार
कार्यपालक सहायकों की समस्या मेरे संज्ञान में नहीं है।
-जयचंद्र यादव, आरटीपीएस नोडल पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता (पीजीआरओ)पूर्णिया।
बोले जनप्रतिनिधि
कार्यपालक सहायकों की समस्या को सरकार के समक्ष लाया जाएगा।
-विजय खेमका, विधायक, पूर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र।
सुनें हमारी बात
1. 15 से 20 वर्षो से प्रमंडल, जिला, अनुमंडल, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कार्यपालक सहायक सरकार के सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन में अपनी सेवा देते आ रहे हैं, परन्तु सरकार के स्तर से न्याय नहीं किया जा रहा है। शिक्षक की भांति इनकी सेवा भी नियमिति किया जाए। ताकि सुरक्षित भविष्य के साथ कार्य मनोयोग से कर सके।
-सुमन कुमार ठाकुर, पूर्व जिलाध्यक्ष
2. देश में महंगाई का दौर है। हमलोग कम मानदेय में अपनी सेवा दे रहे है। इससे परिवार का भरण -पोषण सही से नहीं हो पा रहा है। सरकार को चाहिए कि जो भी कार्यपालक सहायक कार्यरत है उनकी सेवा को नियमित करें ताकि भविष्य की चिंता से मुक्त रह सके। मानदेय में यथाशीघ्र बढ़ोत्तरी की जाए।
-मिथुन कुमार
3. लंबे समय से कार्यरत सभी कार्यपालक सहायकों को सरकार को चाहिए शीघ्र नियमितिकरण कर दे। ताकि भविष्य की चिंता छोड़ पूरी ऊर्जा के साथ कार्य कर सके। कार्यपालक सहायकों को भी कार्यालय में फाइल से संबंधित कार्य करने का अवसर दिया जाए। कार्यपालक सहायकों की बहाली जिला स्तर पर पैनल तैयार कराकर किया जाना चाहिए।
-मनु कुमार, जिलाध्यक्ष
4. प्राथमिक शिक्षक के तर्ज पर कार्यपालक सहायकों को सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए नियमितिकरण किया जाना चाहिए। कार्यपालक सहायकों को अन्य सेवाकर्मी की भांति मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए। आकास्मिक मृत्यु होने की स्थिति में कार्यपालक सहायक के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर बहाली की जानी चाहिए।
-शिवेश कुमार
5. कार्यपालक सहायक को जहां भी प्रतिनियुक्ति की जाती है वहां कार्यपालक सहायक को अपना कम्प्यूटर सिस्टम लेकर जाना होता है। जिससे कार्यपालक सहायक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी परंपरा को समाप्त कर देनी चाहिए। योजना अवधि के लिए जिन कार्यपालक सहायक को नियोजित किया जाता है। योजना पूर्ण हो जाने पर वैसे कार्यपालक सहायकों को दूसरे विभाग में नियोजन करना चाहिए।
-ब्रजेश कुमार
6. विगत 14 वर्षो से कार्यपालक सहायक के पद पर कार्य करते आ रहा हूं। इसके बावजूद सरकार के स्तर से स्थायीकरण की ओर कोई पहल नहीं की गयी है। आपदा से लेकर चुनाव तक सभी कार्यों का ईमानदारी पूर्वक निष्पादन करते हैं। सरकार से अनुरोध करते हैं कि कार्यपालक सहायक को भी कार्य के आधार पर स्थायीकरण किया जाए।
-शरद कुमार
7. अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी एवं अनुशासन पूर्वक काम करने के बाद भी सरकार के स्तर पर ग्रेड पे का लाभ कार्यपालक सहायकों को नहीं दिया जा रहा है। कार्यपालक सहायक का नियोजन मैट्रिक योग्यता के बदले 12 वीं कक्षा इंटर पास की बहाली की जानी चाहिए। पंचायत स्तर पर आरटीपीएस काउंटर पर काफी भीड़ रहती है। जहां लाईट एवं इंटरनेट आदि की सुविधा समुचित नहीं किये जाने से परेशानी बढ़ गयी है।
-नंद किशोर
8. कार्यपालक सहायकों को अन्य सेवाकर्मी की भांति मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए। आकास्मिक मृत्यु होने की स्थिति में कार्यपालक सहायक के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर बहाली की जानी चाहिए। प्राथमिक शिक्षक के तर्ज पर कार्यपालक सहायकों को सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए नियमितिकरण किया जाना चाहिए।
-ऋषिका कुमारी
9. हम सभी कार्यपालक सहायक विभिन्न विभागों में संविदा के पद पर कार्यरत हैं और सरकार के महत्वपूर्ण विभागीय योजनाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में वर्षों से अपना सहयोग देते आ रहे हैं। बिहार सरकार से निवेदन है कि हमारे कर्तव्यों के प्रति निष्ठा को देखते हुए हमें बिहार सरकार के नियमित कर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए।
-रामसेवक कुमार
10. बिहार को डिजिटल बिहार बनाने हम सभी ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है, सिर्फ मुख्यालय स्तर ही नही अपितु पंचायत तक हम सभी ने अपना योगदान दिया है। बिहार तो डिजिटल बन गया लेकिन हम सभी कार्यपालक सहायक आज भी नियोजन का दाग लिए घूम रहे है। सरकार से बस एक ही गुहार है कि हमे हमारा हक़ और सम्मान दे, हमें राज्यकर्मी का दर्जा दे, सभी कार्यपालक सहायक को वेतनमान दे।
-रतन कुमार
11. पूर्णिया में पंचायती राज विभाग के अधीनस्थ पदस्थापित हूं। हम कार्यपालक सहायक विभाग द्वारा समय समय पर दिए कार्यों को पूरी ईमानदारीपूर्वक करते आ रहे हैं। अतएव बिहार सरकार से निवेदन पूर्वक कहना है कि हमारे द्वारा कर्तव्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए हम सभी कार्यपालक सहायक को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाना चाहिए।
-मनीष कुमार
12. कार्यपालक सहायक, सरकार के डिजिटल क्रांति वाली शरीर की धड़कन है। बिहार के सरकारी कामों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने एवं पब्लिक को सुविधा देने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान कार्यपालक सहायकों का ही है, जिससे सरकार की इतनी अच्छी छवि बनी है। सरकार से बस एक ही गुहार है कि हमे हमारा हक़ और सम्मान दे ,हमे राज्यकर्मी का दर्जा दे ,सभी कार्यपालक सहायक को वेतनमान दे।
-मंतोष कुमार
13. हम सभी कार्यपालक सहायक ऊर्जा विभाग एवं विभिन्न विभागों में संविदा के पद पर कार्यरत हैं और सरकार के महत्वपूर्ण विभागीय योजनाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में वर्षों से अपना सहयोग देते आ रहे हैं। बिहार सरकार से निवेदन है कि हमारे कर्तव्यों के प्रति निष्ठा को देखते हुए हमें बिहार सरकार के नियमित कर्मी का दर्जा प्रदान करने की कृपा करें।
-सुमन कुमार झा
14. हम सभी कार्यपालक सहायक विभिन्न विभागों में संविदा के पद पर कार्यरत हैं और सरकार के महत्वपूर्ण विभागीय योजनाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में वर्षों से अपना सहयोग देते आ रहे हैं। बिहार सरकार से निवेदन है कि हमारे कर्तव्यों के प्रति निष्ठा को देखते हुए हमें बिहार सरकार के नियमित कर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए।
-पंकज कुमार
15. देश में महंगाई का दौर है। हमलोग कम मानदेय में अपनी सेवा दे रहे है। इससे परिवार का भरण -पोषण सही से नहीं हो पा रहा है। सरकार को चाहिए कि जो भी कार्यपालक सहायक कार्यरत है उनकी सेवा को नियमित करें ताकि भविष्य की चिंता से मुक्त रह सके। मानदेय में यथाशीघ्र बढ़ोत्तरी की जाए। सभी कार्यपालक सहायक को सरकार वेतनमान की सुविधा दें।
-उमेश कुमार
16. बिहार को डिजिटल बिहार बनाने हम सभी कार्यपालक सहायक का बहुमूल्य योगदान दिया है, सिर्फ मुख्यालय स्तर ही नही अपितु पंचायत तक हम सभी ने अपना योगदान दिया है। बिहार तो डिजिटल बन गया लेकिन हम सभी कार्यपालक सहायक आज भी नियोजन का दाग लिए घूम रहे है। सरकार से बस एक ही गुहार है कि हमे हमारा हक़ और सम्मान दे ,हमे राज्यकर्मी का दर्जा दे ,सभी कार्यपालक सहायक को वेतनमान की सुविधा उपलब्ध कराएं।
-मो. मुस्ताक
बोले पूर्णिया फॉलोअप
जारी किया हेल्पलाइन नंबर
कृषि विभाग का दावा: यूरिया की नहीं है किल्लत
पूर्णिया। बोले पूर्णिया कार्यक्रम के तहत 'मक्का का समर्थन मूल्य मिले तो बनेगा उत्पादन का रिकॉर्ड', शीर्षक से 18 फरवरी को छपी खबर के बाद कृषि विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर-06454-296295 जारी किया है। कहा है यदि उर्वरक एवं बीज से संबंधित कोई समस्या हो तो अविलंब शिकायत करें। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी हरिद्वार चौरसिया ने दावा किया कि जिले में फिलहाल कहीं भी यूरिया की कमी नहीं है और पर्याप्त स्टॉक है। उनका कहना है कि यूरिया खाद कहीं ब्लैक भी नहीं होने दिया जा रहा है। आज भी कानपुर फर्टिलाईजर कम्पनी का यूरिया की रैक लगी है तथा आने वाले दिनों में आरसीएफ, एनएफएल एवं अन्य कम्पनी का रैक लगातार लगने की संभावना है। मालूम हो कि पूर्णियां जिला अन्तर्गत रबी मौसम 2024-25 में मक्का का आच्छादन 119000 हेक्टेयर है। जबकि रबी मौसम 2023-24 में मक्का का आच्छादन 101000 हेक्टेयर था। जिले में कृषक मक्का की खेती वृहत पैमाने पर करते हैं। इस परिपेक्षय में कृषि विभाग उर्वरक का समुचित उपयोग के बारे में समय-समय पर विभिन्न माध्यम यथा किसान चौपाल, किसान गोष्ठी, प्रखंड स्तरीय कर्मशाला तथा उर्वरक कम्पनी के द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाती रही है। रबी मौसम 2024-25 में वर्तमान माह तक यूरिया उर्वरक की आवश्यकता 47000 एमटी के आलोक में अबतक 49000 एमटी (104%) प्राप्त हुआ है। उनका कहना है कि वैज्ञानिकों के द्वारा अनुसंशित उर्वरक की मात्रा को अनदेखा करते हुए कृषक अपनी इच्छानुसार उर्वरक का उपयोग करते हैं, जिस कारण आने वाले समय में भूमि की उपज क्षमता में कमी तथा पर्यावरण दूषित होने की प्रबल आशंका बनी रहती है। कृषकों को कोई परेशानी होने पर स्थानीय कृषि कर्मी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं तथा जिला में स्थापित जिला उर्वरक नियंत्रण कक्ष के दूरभाष संख्या 06454-296295 पर भी शिकायत दर्ज कर सकते है। हालांकि दुकानदारों का कहना है कि रैक प्वाइंट से ही अधिक दाम पर यूरिया दी जाती है। इसलिए किसानों को यह अधिक दाम पर मिलता है। अगर उचित दाम पर उन्हें मिले तो वह भी किसानों को उचित दाम पर देंगे। जिला कृषि अधिकारी को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
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