भागलपुर डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में हुए उपस्थित
इंफो - 20 मार्च तक जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने का कोर्ट

पटना, विधि संवाददाता। भागलपुर के डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में उपिस्थत हुए। डीएम ने कोर्ट के हर सवाल का जवाब दिया। लेकिन जमीन क्यों नहीं खाली कराई गई इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आवेदक को हाईकोर्ट में केस दायर करने के बजाये सिविल कोर्ट में सूट दायर करना चाहिए था। कोर्ट ने उनसे पूछा कि जब निजी जमीन पर जारी पर्चा को डीएम ने रद्द कर दिया और अंचलाधिकारी ने कब्जा हटाने का आदेश पारित किया है तो फिर आवेदक सूट क्यों दायर करे? कोर्ट ने डीएम को तीन सप्ताह के भीतर जमीन से कब्जा हटाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सिकंदर चौधरी की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। गत दिनों कोर्ट ने डीएम को तलब किया था। अदालती आदेश के आलोक में डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंस से उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट में बताया कि भागलपुर में प्रधानमंत्री का दौरा होने के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित हो रहे हैं। इससे पहले आवेदक की ओर से अधिवक्ता दीपक सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि आवेदक के खरीदगी रैयती भूमि को नियम के विरुद्ध भूमिहीनों के बीच अंचलाधिकारी ने पर्चा वितरित कर दिया, जिसकी जानकारी जब डीएम को दी गई तो उसने पर्चा को रद्द कर दिया, लेकिन 2008 से अब तक पर्चधारियों का जमीन पर कब्जा बरकरार है। उनका कहना था कि पर्चा रद्द होने के बाद अंचलाधिकारी ने जमीन खाली करने का आदेश दिया, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया। अब इस मामले पर 20 मार्च को सुनवाई होगी।
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