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बोले भागलपुर: बीएसएनएल कर्मचारियों को वेतन संशोधन का लाभ मिले

बीएसएनएल के अधिकारियों और कर्मचारियों में वेतन विसंगति और पेंशन नीति को लेकर नाराजगी है। 2017 से लम्बित वेतन संशोधन की मांग की जा रही है। कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं और बेहतर नेटवर्क के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 24 Feb 2025 07:22 PM
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बोले भागलपुर: बीएसएनएल कर्मचारियों को वेतन संशोधन का लाभ मिले

बीएसएनएल का देश में बड़ा नेटवर्क है। वेतन विसंगति और पेंशन नीति को लेकर बीएसएनएल के अधिकारियों और कर्मचारियों में नाराजगी है। कमियों को दूर करने के लिए 2017 में ही आश्वासन मिला था। आज तक उसे पूरा नहीं किया गया। बीएसएनएल के अधिकारी और कर्मचारी निजीकरण का भी विरोध कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए आधुनिक संसाधनों की जरूरत है। बेहतर नेटवर्क के लिए टावरों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है। पिछली तिमाही में मुनाफा होने का हवाला देते हुए कर्मी वेतन संशोधन की मांग कर रहे हैं। एसएनएल के अधिकारी और कर्मियों में समय पर प्रोन्नति और वेतन संशोधन का लाभ नहीं मिलने से नाराजगी है। 2017 से वेतन संशोधन की मांग की जा रही है। अन्य कंपनियों की तरह आधुनिक सुविधाएं नहीं मिलने का आरोप भी अधिकारी और कर्मी लगा रहे हैं। उनका कहना है कि संसाधनों की कमी से बीएसएनएल का काम प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में जो उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, उसमें और सुधार करने की जरूरत है। जिले में बेहतर नेटवर्क के लिए टावरों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

प्रधान महाप्रबंधक कार्यालय बीएसएनएल भागलपुर के अन्तर्गत भागलपुर, कटिहार, मुंगेर और किशनगंज परिचालन क्षेत्र पड़ता है। इसके अन्तर्गत 273 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। बीएसएनएल इम्प्लाइज यूनियन और ऑल इंडिया ग्रेजुएट इंजीनियर ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारियों को काम के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। केन्द्र सरकार 8वां वेतन आयोग को लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन बीएसएनएल में तीसरा वेतन संशोधन का मामला 2017 से ही लंबित है। बीएसएनएल प्रबंधन और सरकार का कहना है कि मुनाफा होने पर वेतन संशोधन किया जाएगा। पिछली तिमाही में बीएसएनएल को 262 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। बावजूद बीएसएनएल कर्मियों की लंबित मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है।

बीएसएनएल इम्प्लाइज यूनियन के परिमंडलीय सचिव प्रशान्त सिंह ने भारत सरकार और बीएसएनएल प्रबंधन पर कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों के 2017 से लम्बित वेतन संशोधन एवं वेतन विसंगति को अब तक दूर नहीं किया जाना कर्मचारी और अधिकारियों के साथ अन्याय है। बीएसएनएल इम्प्लाइज यूनियन के जिला सचिव अश्विनी कुमार ने कहा कि नीतियां केन्द्र स्तर पर बनायी जा रही हैं। स्थानीय समस्याओं के अनुसार नीतियां बननी चाहिए। तभी कर्मियों को उसके काम का उचित लाभ मिल पाएगा। ऑल इंडिया ग्रेजुएट इंजीनियर ऑफिसर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सह एसडीओ शिशिर कुमार ने कहा कि प्रोन्नति, वेतन वृद्धि, पेंशन आदि सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। ऑल इंडिया ग्रेजुएट इंजीनियर ऑफिसर्स एसोसिएशन के सचिव सह एसडीओ प्रेम शंकर ने कहा कि पद के नाम पर बीएसएनएल में कुछ नहीं मिलता है। एक ही पद पर कार्यरत अधिकारियों के वेतन विसंगति को दूर करने की आवश्यकता है। एसडीओ बीएन तिवारी ने बताया कि बीएसएनएल को कम से कम एक हजार टावर लगाने की अवश्यकता है। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी। कर्मचारी संगठन (एफएनटीओ) के सुमन यादव ने बीएसएनएल के निजीकरण करने की सरकार की मंशा का विरोध किया। लेखा पदाधिकारी दयाकांत प्रसाद ने कहा कि मांग को पूरा करने के लिए कई बार हड़ताल पर जा चुके हैं लेकिन मांग पूरी नहीं हुई है। कनीय लेखा पदाधिकारी सन्नी मिश्रा ने कहा कि बीएसएनएल को अंतिम तिमाही में 262 करोड़ का लाभ हुआ है। अगर इसे स्वतंत्र कर दिया जाए तो बीएसएनएल सभी कम्पनियों को पीछे छोड़ आगे निकल जाएगी।

वेतन विसंगति से कर्मियों का टूट रहा है मनोबल

भागलपुर। बीएसएनएल के एसडीई कुमार शिशिर ने बताया कि वेतन विसंगति को लेकर वर्ष 2007 के बाद से वेतन विसंगति में कोई संशोधन नहीं किया गया है। जिससे ऑफिसर्स और कर्मचारियों का मनोबल गिरता जा रहा है। अन्य स्थानों पर कुछ हद तक सुधार किया गया है, लेकिन यहां वेतन संरचना में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं हुआ है। कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं भी समुचित रूप से लागू नहीं हैं। मेडिकल सुविधाओं की स्थिति दयनीय है, जिसके कारण कर्मचारी बीमार होने से भी डरते हैं। पे स्केल, प्रमोशन और पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। कर्मचारी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद यहां तक पहुंचे हैं। अगर वेतन विसंगति के कारण उचित लाभ नहीं मिलता है तो इससे मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

आधुनिक तकनीक से उपभोक्ता संतुष्ट होंगे

भागलपुर। जिला शाखा अध्यक्ष एवं कहलगांव एसडीई प्रेम शंकर ने बताया कि एक ही कैडर में चार अलग-अलग पे स्केल लागू हैं। जबकि सभी का काम समान होता है। टीए और डीए की दरें वर्षों से जस की तस बनी हुई हैं। जिससे कर्मचारियों को सही लाभ नहीं मिलता है। बीएसएनएल को स्वदेशी बनाने से पहले विचार-विमर्श जरूरी था। दुनिया 5 जी की ओर बढ़ रही है, तब भी बीएसएनएल 4जी तक सीमित है। उसका भी संचालन पूरी क्षमता से नहीं हो पा रहा है। बीटीएस की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने हाल ही में सरकार को मुनाफा दिखाया है, जो सकारात्मक संकेत है। अगर समय के अनुसार आवश्यक बदलाव किए जाएं तो कभी भी घाटे का सौदा नहीं होगा।

कठिन समय में भी तत्पर रहे बीएसएनएल कर्मी

भागलपुर। एसडीई (प्रशासन) विवेकानंद तिवारी ने बताया कि बीएसएनएल को पूरी तरह स्वदेशी रूप में स्थापित किया गया है। गर्व की बात है कि जब विभाग घाटे में था, तब भी कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं जारी रखीं। सड़क और नाला निर्माण के दौरान अक्सर केवल पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो जाती थी। जिससे नेटवर्क सेवाएं प्रभावित होती थीं। कई बार अधिकारी और कर्मचारियों ने खुद के पैसों से इनकी मरम्मत करवाई और बिना शिकायत के उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास किया। यह सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, लेकिन अभी भी बीटीएस की संख्या में कमी बनी हुई है। यदि बीटीएस की संख्या में बढ़ोतरी की जाए तो सेवाएं और बेहतर हो जाएंगी। नेटवर्क विस्तार और तकनीकी सुधार पर ध्यान देनी की जरूरत है, ताकि उपभोक्ताओं को सबसे अच्छी टेलीकॉम सेवाएं मिल सके।

वेतन विसंगति को लेकर मिलता रहा है आश्वासन

भागलपुर। बीएसएनएल बीयू परिमंडलीय सचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि विभाग को लाभ तो हुआ है, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में अब तक कोई वृद्धि नहीं हुई। वेतन विसंगति को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर भी गए थे, सरकार से बातचीत हुई और आश्वासन भी मिला। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बीएसएनएल के कर्मचारी जहां भी टावर लगाने का आदेश मिलता है, वहां तुरंत कार्य शुरू कर देते हैं। विभाग का मुख्य उद्देश्य बेहतर सेवा देना है, न कि मुनाफे पर ध्यान देना। बीटीएस की संख्या में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है। सरकारी निर्माण कार्यों के कारण बीएसएनएल के केबल पाइपलाइन और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे सेवाओं में बाधा आती है।

शिकायत

1. कर्मचारियों के 2017 से लम्बित वेतन संशोधन एवं वेतन विसंगति को अब तक दूर नहीं किया गया।

2. बीएसएनएल कर्मियों और अधिकारियों के साथ भारत सरकार और बीएसएनएल प्रबंधन की अनदेखी।

3. बीएसएनएल स्वदेशी उपकरण से सेवा प्रदान करती है, उसमें तकनीकी बाधाएं अधिक

4. बीएसएनएल के कर्मचारियों को तीसरे वेतन संशोधन का भी लाभ नहीं मिला।

5. बीएसएनएल कर्मियों को मेडिकल सुविधा भी नहीं मिलती है।

सुझाव

1. भागलपुर जिले में एक हजार बीटीएस टावर लगाने की जरूरत।

2. 2017 से लम्बित कर्मचारियों के तीसरे वेतन संशोधन को शीघ्र लागू किया जाए।

3. बीएसएनएल द्वारा सस्ती दर पर संचार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार मदद करे।

4. निजी टेलीकॉम कंपनियों की तरह बीएसएनएल को भी स्वदेशी उपकरण सेवा प्रदान करने के लिए मुक्त किया जाए।

5. पे स्केल, प्रमोशन और पेंशन जैसी जरूरी सुविधाएं कर्मचारियों को मिले।

बोले जिम्मेदार

कंपनी जब अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगी तो वेतन संशोधन पर किया जा सकता है विचार

बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक मनीष साहू ने कहा कि वेतन संशोधन की मांग जायज है। इसका नुकसान बीएसएनएल कर्मियों को हो रहा है। यह तभी संभव है जब कंपनी लगातार दो साल लाभ में आएगी। पिछली तिमाही में कंपनी को 264 करोड़ का मुनाफा हुआ है। यह कर्मियों के लिए शुभ संकेत है। कंपनी जब अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगी तो वेतन संशोधन पर विचार किया जा सकता है। बीएसएनएल का निजीकरण नहीं होने जा रहा है। जिले में जो पुराने टावर लगे हैं। उसमें 2जी और 3जी को 4जी में अपग्रेड किया जा रहा है। बीएसएनएल के अधिकारी और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।

पे रिवीजन, प्रमोशन और पेंशन की सुविधा से वंचित हैं कर्मी

भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। भारत संचार निगम लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑल इंडिया ग्रेजुएट इंजीनियर ऑफिसर्स एसोसिएशन भागलपुर के एसडीई कुमार शिशिर ने बताया कि 18 वर्षों से पे रिवीजन नहीं हुआ है। बीएसएनएल छोड़कर दूसरी जगहों पर नौकरी करने वाले काफी आगे बढ़ गए हैं। उनलोगों के समक्ष पे, प्रमोशन और पेंशन से जुड़ी समस्या आज भी बरकरार है। रिसोर्सेस नहीं बढ़ने से अधिक काम करने का दबाव होता है। जिससे काम करने वाले का मनोबल गिर जाता है। ऑफिसर्स एसोसिएशन के बीएन तिवारी ने बताया कि भागलपुर बिजनेस ऑफिस एरिया के अंतर्गत चार जिले आते हैं। जिसमें भागलपुर में 111, कटिहार में 78, मुंगेर में 69 और किशनगंज में 15 कर्मी समेत कुल 273 कर्मी कार्यरत हैं। बीएसएनएल सर्विस सेक्टर और सुदूर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों तक सेवा पहुंचाती है। ताकि हर जगह पर कनेक्टिविटी हो सके। प्रत्येक गांव में अगर एक बीटीएस (टावर) लगा दिया जाए तो बेहतर नेटवर्क के माध्यम से ग्राहकों को अच्छी सेवा उपलब्ध करायी जा सकती है। लेखा पदाधिकारी दयाकांत प्रसाद ने बताया कि वे लोग कई बार हड़ताल कर चुके हैं लेकिन सरकार ने उन लोगों की मांग पर साकारात्मक पहल नहीं की। कंपनी को घाटा होने पर नुकसान बीएसएनएल में कार्यरत अधिकारियों और कर्मियों को उठाना पड़ रहा है। लाभ होने पर कंपनी और सरकार मालिक बन कर बैठती है। जिला शाखा के अध्यक्ष एसडीई कहलगांव प्रेमशंकर ने बताया कि एक कैडर में चार स्केल ठीक नहीं है। अश्विनी कुमार और प्रवीण कुमार ने बताया कि बीएसएनएल कर्मियों के रहने के लिए जो क्वार्टर उपलब्ध काराया गया है वह जर्जर स्थिति में है। बीएसएनएल टेलीकॉम भवन में पीने के पानी के साथ कई तरह की समस्याएं हैं।

बीएसएनएल और इसके कर्मचारी उपेक्षा के शिकार

बीएसएनएल इम्प्लाइज यूनियन के परिमंडलीय सचिव प्रशान्त सिंह ने बताया कि देश की सबसे पुरानी और महत्वपूर्ण संचार क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल एवं इसके कर्मी उपेक्षा के शिकार हैं। बीएसएनएल की 4 जी सेवा गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के वावजूद मुनाफा कमाई है। अगर पूर्ण रूप से बीएसएनएल को स्वतंत्र कर दिया जाए तो आने वाले समय में बीएसएनएल सभी कम्पनियों को पीछे छोड़ देगा।

बेहतर उपकरण से ग्राहकों को मिलेगी अच्छी सेवा

लेखा पदाधिकारी सन्नी कुमार मिश्रा ने बताया कि सरकार कर्मियों को लाभ कमाकर अपना भरण पोषण करने की बात कहती है। लेकिन सेवा के लिए स्वदेशी उपकरण का उपयोग करने की बाध्यता भी डाल देती है। उन्होंने बताया कि एक टावर की क्षमता तीन सौ मीटर तक की होती है। सरकार अगर बेहतर क्वालिटी के उपकरण और सुविधा मुहैया कराए तो ग्राहकों को निश्चित रूप से अच्छी सेवा मिलेगी।

इनकी भी सुनिए

अधिकारियों के वेतन में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वेतन विसंगति में संशोधन किया जाना आवश्यक है। ताकि कर्मचारी और अधिकारियों को इसका उचित लाभ मिल सके और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधर सके।

-दीपक कुमार (एसडीई एमएम)

वेतन विसंगति में सुधार करने से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। सरकार को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है, ताकि बीएसएनएल के अधिकारी और कर्मचारी अपनी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रख सकें।

-रमन कुमार

बीएसएनएल में बीटीएस की संख्या बढ़नी चाहिए। बैटरी कमी की समस्या बनी हुई है। बिजली कटौती या आपात स्थिति में नेटवर्क प्रभावित हो जाता है, क्योंकि बैकअप के लिए पर्याप्त बैटरियां उपलब्ध नहीं हैं।

-आलोक कुमार

सड़क और नाला निर्माण कार्य के दौरान कई बार बीएसएनएल का केबल पाइपलाइन कट जाता है। इससे नेटवर्क सेवा बाधित होती है। सिविल कार्यों के दौरान केबल सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

-प्रवीण कुमार, जेई टेलीकॉम

पोस्ट और टेलीकॉम विभाग को अलग किया गया। इसके लिए डिमांड पेपर भी तैयार किया गया था। समय पर विभाग को मुनाफे में लाया गया। इसके बावजूद कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।

-दयाकांत प्रसाद, लेखा पदाधिकारी

स्वदेशी संसाधन मानव आवश्यकताओं के अनुसार होने चाहिए। सरकार को बीएसएनएल से राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है। सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मेंटेनेंस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

-सन्नी कुमार मिश्रा, लेखा पदाधिकारी

सरकारी आवासों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भवन की हालत जर्जर है। जिसके कारण सुरक्षा की चिंता रहती है। भवन की मरम्मत तत्काल करायी जाए। -दिवाकर प्रसाद सुमन

पेयजल व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए। शौचालयों के मेंटेनेंस की जरूरत है। वर्तमान स्थिति में कर्मचारियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रबंधन समस्याओं का समाधान जल्द करे।

-किरण देवी

यदि वेतन विसंगति में सुधार किया जाए तो कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। वेतन बढ़ने से कर्मचारी अपने आश्रितों का सही तरीके से भरण-पोषण कर सकेंगे। बीएसएनएल वेतन विसंगति को दूर करे। -सुबोध कुमार सिंह

3जी और 4जी को लेकर समझौता तो हुआ है, लेकिन नेटवर्क में अभी भी सुधार की जरूरत है। 3जी का नेटवर्क 4जी से अधिक बेहतर साबित हो रहा है। उपभोक्ताओं की रुचि कम हो रही है, क्योंकि वे तेज इंटरनेट सेवा चाहते हैं।

-सुमन कुमार यादव

वेतन वृद्धि को लेकर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। जिससे कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है।

-चंदन कुमार

वेतन विसंगति और समय के अनुसार नेटवर्क सुधार की मांग को लेकर हड़ताल की गयी। नेटवर्क सेवाओं में अपग्रेडेशन तो हुआ, लेकिन कर्मचारियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। टेक्नोलॉजी अपडेट होना जरूरी है।

-वंशीधर शर्मा, टेक्नीशियन लेखा सहायक

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