जिले में केसीसी ऋण योजना से पशुपालन को मिलेगा बढावा
पेज चार की लीडपेज चार की लीड हिन्दुस्तान विशेष अब कृषि के तर्ज पर पशु, मुर्गी व मछली पालन में भी केसीसी की सुविधा 1 लाख 60 हजार तक

बांका, निज प्रतिनिधि। सरकार ने पशु व मत्स्य पालन को भी कृषि का दर्जा दिया गया है। जिसे बढावा देने के लिए अब कृषि के तर्ज पर ही पशु व मत्स्य पालन के लिए किसानों को केसीसी ऋण योजना की सुविधा दी जा रही है। जबकि इससे पहले किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा महज खेती करने वाले किसानों तक ही सीमित थी। पशु व मत्स्य पालन के क्षेत्र में पशु व मत्स्य पालकों को केसीसी की सुविधा उसके प्रबंधन के लिए दिये जा रहे हैं। जिससे वे उसके चारे की व्यवस्था, उसका उपचार व रख-रखाव करने के साथ ही उसे विकसति कर सकें।
अभी आर्थिक तंगी की वजह से कई पशु पालक मवेशियों एवं मत्स्य पालक मछलियों के चारे को सही से चारा नहीं दे पाते हैं। जिससे उन्हें कम मुनाफा हो रहा है। लेकिन अब कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा मिलने से पशुपालन को काफी बढावा मिलेगा। इससे पशुपालकों की आमदनी बढने से उसकी आर्थिक स्थिति में साकारात्मक बदलाव आयेगा। 1 लाख 60 हजार रूपये तक के केसीसी ऋण के लिए कोई प्रोसेसिंग फी नहीं है। इसके साथ ही ऋण स्वीकृति के लिए कोलाट्रेल सिक्यूरिटी जरूरी नहीं है और ना ही एसेटस मोर्टेज करने की ही आवश्यकता है। जबकि 3 लाख रूपये तक के ऋण के लिए प्रोसेसिंग फी नहीं है, लेकिन कोलाट्रल सिक्यूरिटी देना जरूरी है। वहीं, पशुपालाकों को केसीसी ऋण 50 हजार न्यूनतम व यूनिट के मुताबिक दिये जाएंगे। ये सुविधा दुधारू पशु, हल योग्य पशु, बकरी, सूअर, मुर्गी व अन्य पशु-पक्षियों के पालन के लिए दिये जा रहे हैं। ये योजना पूरी तरह एग्रीकल्चर एलाईड एक्टिविटी बेस्ड है। कृषि के क्षेत्र में दिये जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा फसल व उसके उत्पादन पर आधारित है। जिसके मानक के मुताबिक ही किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन गव्य व मत्स्य विकास के क्षेत्र में इससे जुडे किसानों को दी जाने वाली किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पशुओं एवं मछलियों के प्रबंधन के लिए दिये जा रहे हैं। गव्य व मत्स्य प्रबंधन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड में ऋण की राशि की बाध्यता नहीं है। इसमें 50 हजार न्यूनतम एवं यूनिट के मुतबिक ऋण दिये जाने का प्रावधान लागू किया गया है। पशु व मत्स्य पालक यूनिट के मुताबिक ऋण की सुविधा ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होगा। जो लाभार्थी समय से ऋण की राशि का भुगतान करेंगे, उन्हें ब्याज दर पर तीन फीसदी का अनुदान दिया जायेगा। ऐसे में उन्हें ऋण की राशि का महज चार फीसदी ब्याज ही भरना होगा। लेकिन समय पर ऋण की राशि वापस नहीं करने वाले लाभार्थी को 7 की जगह 9 फीसदी ब्याज देने होंगे। इस समायवधि तक भी ऋण की राशि बैंक को वापस नहीं करने वाले लाभर्थी को 11 फीसदी ब्याज भरना होगा। वहीं, 90 दिनों तक ऋण की राशि जमा नहीं करने पर उसे एनपीए घोषित कर दिया जायेगा। जिनसे सख्ती से ऋण की राशि वसूल की जायेगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।