जिले में 825 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सडकें होंगी चकाचक
पेज तीन की लीडपेज तीन की लीड 395 ग्रामीण सडकों का पुनर्निमाण व सात साल तक होगा प्रबंधन सरकार ने विभाग की ओर से भेजे गये प्रस्ताव

बांका, निज प्रतिनिधि। जिले में 395 ग्रामीण सडकों की एक्सपाइरी डेट खत्म हो गई है। यानी ये सडकें पूर्व मेंटेनेशन अवधी से बाहर हो चुकी है। जिसकी लंबाई 825.028 किलोमीटर है। अब 558 करोड 3 लाख की राशि से इन सडकों का नये सिरे से पुनर्निमाण, उन्नयन, नवीनीकरण एवं सात वर्षों तक संचालन व प्रबंधन किया जायेगा। इसके लिए सरकार ने विभाग की ओर से भेजे गये प्रस्ताव पर प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। जिसे बजट में शामिल करते हुए पारित किया गया है। यहां जर्जर हो चुकी ग्रामीण सडकों का सुदृढीकरण ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल की ओर से कराया जायेगा। जिसका स्मूथ सरफेश किया जाना है। इन जर्जर सडकों का पुनर्निमाण एवं नवीनीकरण व प्रबंधन मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक उन्नयन योजना से किया जायेगा। इसके लिए योजनाओं के कार्यान्वयन से पूर्व डीपीआर पर कार्यपालक अभियंता द्वारा सक्षम प्राधिकार से तकनीकी स्व्ीकृति ली जायेगी। यहां ग्रामीण सडकों के सुदृढीकरण से सडकों का जाल बिछ जायेगा। ये सडकें मुख्य पथों से जुडी हुई है। जिससे इन सडकों का जीणोद्धार होने से गांव के पहुंच पथ के जुडने से आवागमन करने में लोगों की समय के बचत की साथ होने के साथ ही परिवहन की सुविधा भी बढेगी। जिसका इंतजार यहां के ग्रामीण इलाकों के लोगों को लंबे समय से है। इसको लेकर पूर्व में ही ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से सरकार को यहां के जर्जर ग्रामीण सडकों की मरम्मती एवं उसका स्मूथ सरफेश बनाये जाने को लेकर इसके प्रस्ताव भेजे गये थे। जिसे बजट में पारित करते हुए मंत्रीपरिषद से प्राप्त अनुमोदन के आलोक में इसकी स्वीकृति प्रदान की गई है। जिससे जिला वासियों में खुशी की लहर दौड गई है। जिले के पांच प्रखंडों में ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल वन की ओर से मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक उन्नयन योजना के तहत 153 सडकों का सुदृढीकरण एवं प्रबंधन किया जायेगा। इसमें बांका प्रखंड के 34, बेलहर के 33, अमरपुर के 30, शंभूगंज के 29 एवं फुल्लीडुमर प्रखंड की 34 सडकें शामिल हैं। जिन सडकों का निर्माण एजेंसी की ओर से निर्माण कार्य कराये जाने के साथ ही सात साल तक इन सडकों का संचालन व प्रबंधन भी जायेगा। जिससे आवगमन की सुविधा को बरकरार रखा जा सके। यहां 6 प्रखंडों के जर्जर ग्रामीण सडकों के पुनर्निमाण, उन्नयन, नवीकरण एवं संचालन व प्रबंधन की जिम्मेदारी ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल टू की है। इसके तहत यहां कटोरिया प्रखंड में 48, चांदन के 49, रजौन के 38, धोरैया के 61, बाराहाट के 14 एवं बौंसी प्रखंड के 32 ग्रामीण सडकें शामिल हैं। आरडब्लूडी टू के कार्यपालक अभियंता सत्यनारायण राय ने कहा कि जिले में 6 प्रखंडों में जर्जर हो चुकी 242 ग्रामीण सडकों का सुदृढीकरण ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंड टू की ओर से कराये जाएंगे। इसमें कटोरिया, चांदन, रजौन, धोरैया, बाराहाट एवं बौंसी प्रखंड की सडकें शामिल हैं। इसके लिए सरकार को भेजे गये प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है। जिसके निर्माण कार्य को मुख्यमंत्री ग्राीण सडक उन्नयन योजना से धरातल पर उतारी जायेगी। वहीं कार्यप्रमंडल वन के कार्यपालक अभियंता प्रीतम कुमार ने कहा कि जिले के पांच प्रखंडों में जर्जर हो चुकी ग्रामीण सडकों के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में ही प्रस्ताव भेजे गये थे। जिसे सरकार की ओर से प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है। अब जल्द ही यहां के बांका, बेलहर, अमरपुर, शंभूगंज व फुल्लीडूमर के ग्रामीण सडकों का पुनर्निमाण व प्रबंधन किया जायेगा। इसके लिए कार्य एजेंसी को ग्रामीण सडकों के पुनर्निमाण के साथ ही सात साल तक उसके प्रबंधन की भी जिम्मेदारी दी जायेगी।
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