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बिहार के पहले नव निर्मित स्मार्ट विलेज में लगा पहली बार हाट, खूब हुई खरीददारी

बांका के डीडीसी ने किया हाट व फुटबॉल निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन।बांका के डीडीसी ने किया हाट व फुटबॉल निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाट

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाWed, 12 Feb 2025 03:16 AM
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बिहार के पहले नव निर्मित स्मार्ट विलेज में लगा पहली बार हाट, खूब हुई खरीददारी

रजौन(बांका), निज संवाददाता। रजौन प्रखंड के बाबरचक गांव में बने बिहार के नव निर्मित पहले स्मार्ट विलेज(उन्नति ग्राम) में पहली बार ग्रामीण हाट लगा। बांका के डीएम अंशुल कुमार की पहल पर स्मार्ट विलेज में बनाए गए सुसज्जित शेड में सभी तरह के दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकान लगाई, जहां इस गांव में बसे नए निवासियों सहित आस-पास के लोगों ने भी खरीददारी की। इसके पूर्व बांका के डीडीसी अंजनी कुमार ने फीता काट कर हाट-बाजार का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने फुटबॉल निर्माण के प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया। इस दौरान जिला पार्षद व बाबरचक गांव निवासी सुमन पासवान, रजौन की बीडीओ अंतिमा कुमारी, नवादा-खरौनी पंचायत की स्थानीय मुखिया आरती देवी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे। अब यहां सप्ताह के हर मंगलवार व शुक्रवार को हाट-बाजार लगेगा। इसके एक सप्ताह पूर्व ही बांका के डीएम ने संवाद कार्यक्रम आयोजित कर जीविकोपार्जन के लिए हाट लगाने, खेल साफ सफाई सामुदायिक भवन के देखभाल के लिए स्थानीय ग्रामीण को जिम्मेवारी दी गई थी। इधर ग्रामीण हाट लगने से इस गांव में बसे गरीब भूमिहीनों को रोजगार मिलने के साथ-साथ सुलभ बाजार भी उपलब्ध हो गई है। यहां बसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने हेतु प्रशासन सिलाई-कटाई सहित अन्य प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर भी देगी। इस गांव बे बसे लोगों को अब यह गांव लुभाने लगा है। गांव में बसे लोग हाट-बाजार लगने से खुश दिख रहे थे। इस गांव में अब तक आवास निर्माण कार्य शुरू नहीं करने वालों की उम्मीदे जगी है। इस गांव के आस-पास की जमीन की कीमतें भी बढ़ने की संभावनाएं है। इस स्मार्ट विलेज में बसे नए लाभुकों को रूपा इंड्रस्ट्रीज के राजीव कुमार फ़ुटबॉल बनाने का प्रशिक्षण दे रहे है। इसके बाद इन्हें कच्चा माला भी उपलब्ध कराया जाएगा। एक फुटबॉल बनाने की की मजदूरी 20 रुपया से 80 रुपया तक दी जाएगी। सरकार सहित जिला प्रशासन की पहल अगर कामयाब रहा तो गरीब भूमिहीनों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने की यह कवायद देश के लिए प्रेरणा ब जाएगी। फिलहाल बांका जिला प्रशासन सहित निकास सरकार की यह योजना देश के लिए चर्चा का विषय बनने की पटरी पर आती दिख रही है।

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