कटोरिया में बढ़ा विवाद- कार्रवाई नहीं होने पर पंचायत समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी
पेज चार की लीडपेज चार की लीड सोमवार को बुलाई गई विशेष बैठक, नतीजा नहीं निकला तो होगा धरना प्रदर्शन 5 दिन पूर्व बीडीओ एवं बीपीआरओ

कटोरिया (बांका) निज प्रतिनिधि। कटोरिया बीडीओ और बीपीआरओ पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद जिला प्रशासन की चुप्पी अब पंचायत समिति सदस्यों को रास नहीं आ रही है। शनिवार को प्रखंड मुख्यालय में प्रभारी प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद यादव की अध्यक्षता में पंचायत समिति सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें बताया गया कि षष्ठम वित्त आयोग की राशि में अनियमितता, जनोपयोगी योजनाओं में पारदर्शिता की कमी और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी जैसे आरोपों को लेकर प्रभारी प्रमुख के नेतृत्व में समिति ने 5 दिन पूर्व सोमवार को डीएम बांका को ज्ञापन सौंपा था। बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि सोमवार तक जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सभी समिति सदस्य आंदोलन का रुख अपनाएंगे। प्रभारी प्रमुख ने बताया कि कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में सोमवार को विशेष बैठक के बाद सभी सदस्य प्रखंड मुख्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का भी अपमान है। इस मौके पर प्रभारी प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व प्रमुख बबलू कुमार, पंसस अंजला हांसदा, अरुण यादव, चंदेश्वरी यादव, धनराज यादव, मदनलाल मुर्मू, मनोज कुमार दास, गोपीचंद यादव, अशोक मंडल, सीताराम मुर्मू, सुरेंद्र यादव, वीरेंद कुमार पंजीयारा, पार्वती देवी, अनिता कुमारी, शीला देवी, प्रतिनिधि राजीव यादव, मनोज कुमार, सुनील शर्मा, सीताराम, जितेंद्र गुप्ता आदि मौजूद थे।
अधिकारियों पर मनमानी और अवैध वसूली का आरोप
पंचायत समिति सदस्यों ने बताया कि अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए योजनाओं का चयन किया जाता है। वहीं, बिना पंचायत समिति के अनुमोदन के समिति की राशि का अपव्यय किया जा रहा है। अधिकारियों पर प्रखंड की योजनाओं के नाम पर अवैध वसूली का भी आरोप लगाया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां योजनाओं की एमबी बुक उपलब्ध है, वहां भी लेबर भुगतान और सामग्री आपूर्ति को जानबूझकर लंबित रखा जा रहा है, जिससे पंचायत समिति सदस्यों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा सके।
समिति का आरोप बरकरार
ज्ञात हो कि बीडीओ और बीपीआरओ पर षष्ठम वित्त आयोग की राशि का मनमाने ढंग से प्रयोग, योजनाओं में पारदर्शिता की कमी, और समिति की स्वीकृति के बिना लाखों रुपए खर्च करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं 5 साल पूरा होने से पूर्व ही भवन की मरम्मत और फर्नीचर निर्माण के नाम पर 54 लाख रुपए खर्च किए जाने पर भी सवाल उठाए गए हैं। प्रभारी प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद यादव ने स्पष्ट किया कि समिति अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी।
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