पलायन कर आने वाले दुर्लभ जीवों का आश्रय बना टाइगर रिजर्व
वाल्मीकि टाईगर रिजर्व दुर्लभ प्रजातियों के जीव-जंतुओं के लिए सुरक्षित आश्रयस्थल बन गया है। यहाँ विभिन्न देशों से प्रजनन के लिए आए जीव-जंतु जैसे गिद्ध, सांप और अन्य जानवर एक अनुकूल वातावरण में रह रहे...

हरनाटाड़ । वाल्मीकि टाईगर रिजर्व माइग्रेट कर आने वाले दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतुओं के लिए सुरक्षित आश्रयस्थल बन गया है। चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, जापान समेत विभिन्न देशों से प्रजनन के लिए पहुंचने वाले दुर्लभ व विलुप्तप्राय प्रजाति के जीव-जंतु वीटीआर में आते हैं। पक्षी, जानवर व सांप प्रजनन के बाद अनुकूल और बेहतर माहौल, सुरक्षा, संरक्षण मिलने पर यहीं रुक जा रहे हैं। वीटीआर के जंगलों में निगरानी व सर्वे में लगे बॉयोलॉजिस्ट, टूरिज्म गाइड समेत विशेषज्ञों की टीम ने बीते एक वर्ष में आधा दर्जन से अधिक दुर्लभ प्रजाति के पक्षी, सांप व जानवरों को देखा है। उन्होंने इसे कैमरे में कैद भी किया है। इसमें गिद्ध, रेड कोरल कुकरी सांप, वुल्फ स्नेक, वन सुन्दरी सांप, हुडेड पिटा पक्षी, नाइट हेरोन, ब्लैक बाजा, क्रैब इटिंग मंगुस, ब्लैक स्टार्क, क्लाउडेड लेपर्ड, हिमालयन सेरो आदि शामिल हैं। इनकी संख्या दुनिया में बहुत ही कम है। इन पक्षियों, सांपों व जानवरों को वीटीआर में मिलना शुभ संकेत मान रहा है। वीटीआर वन प्रमंडल-2 के बॉयोलॉजिस्ट सौरभ कुमार ने बताया कि वीटीआर के जंगलों में एक साल के अन्दर आधा से अधिक दुर्लभ प्रजाति के पक्षी, सांप व जानवरों को देखा गया है। इनमें कई दोबारा भी दिखे हैं। वीटीआर का जंगल में उनके लिए अनुकूल साबित हो रहा है। इससे वे यहीं रुक जा रहे हैं।
दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों व सांपों समेत जानवरों की बढ़ी संख्या:
बॉयोलॉजिस्ट सौरभ कुमार बताते हैं कि 2017 में प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक कुमार ने वुल्फ स्नेह को पहली बार देखा था। इस अप्रैल माह में वाल्मीकिनगर में देखा गया है। 2019 में दुर्लभ व विलुप्तप्राय प्रजाति के गिद्धों को एक साल में दो बार ही 5-10 की संख्या मे देखा जाता था, लेकिन इन दिनों बीते एक वर्षों में 20 से 25 बार 60 से 100 के झुंड में गिद्ध देखे गये हैं। हुडेड पक्षी दो-तीन बार देखा गया है। रेड कोरल कुकरी सांप सबसे पहले वीटीआर में देखा गया था, यह दलदली भूमि पर रहना पसंद करता है। बारिश के सीजन में ही वह सांप अधिकतर देखने को मिलते हैं। कई अन्य जीव-जंतुओं को पूर्व में एकाध बार ही देखा गया था, लेकिन अब संख्या बढ़ी है।
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