होमियोपैथ के जन्मदाता की मनायी गयी जयंती
बेतिया में शनिवार को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की 270वीं जयंती मनाई गई। चिकित्सकों ने उनके योगदान और चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता पर चर्चा की। डॉ. हैनिमैन ने एलोपैथी के बाद...

बेतिया , हिसं। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. सैमुअल हैनिमैन की 270 वीं जयंती शनिवार को नगर के हरिवाटिका चौक स्थित एक निजी चिकित्सालय में आयोजित की गई । इस अवसर पर मौजूद चिकित्सकों ने डॉ हैनिमैन के जीवन, उनके योगदान और चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता पर विस्तार से विचार रखे। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ संजय कुमार ने डॉ हैनिमैन के सिद्धांतों को सरल शब्दों में समझाते हुए कहा कि उनकी चिकित्सा प्रणाली सम जैसे सम से इलाज पर आधारित है । डॉ संतोष कुमार ने कहा कि डॉ हैनिमैन पहले एलोपैथिक चिकित्सक थे, लेकिन एक मरीज के इलाज में विफलता के बाद उन्होंने वैकल्पिक चिकित्सा की खोज शुरू की और होम्योपैथी का विकास किया। डॉ घनश्याम कहा कि आज भी गठिया, बवासीर, ट्यूमर जैसी कई पुरानी और जटिल बीमारियां, जिनका एलोपैथ में स्थायी इलाज संभव नहीं, उनका उपचार होम्योपैथिक दवाओं से किया जा सकता है।यह पद्धति सुरक्षित, सस्ती और प्रभावशाली है। वही डॉ सत्यम कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि होम्योपैथी हर वर्ग के लिए सुलभ और उपयोगी बन चुकी है। कार्यक्रम में डॉ संतोष कुमार, डॉ के के प्रसाद, कुमार नित्यम, आदि मौजूद रहें।
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