बोले औरंगाबाद : 60 से अधिक उम्र के छायाकारों को पेंशन की सुविधा मिलनी चाहिए
कैमरा वाले फोन के आने से फोटोग्राफरों की मांग में कमी आई है। अब लोग मोबाइल से फोटो खींचकर प्रिंट कराते हैं। इस कारण फोटोग्राफर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे समय पर भुगतान नहीं मिलना और...
कैमरा वाला फोन आने के बाद फोटोग्राफरों को शादी और विभिन्न आयोजनों को छोड़ काम नहीं मिल पाता है। पहले परीक्षा से लेकर फॉर्म भरने तक के लिए रोज पासपोर्ट साइज के फोटो बनाने की रोजाना दर्जनों काम मिल जाते थे। अब लोग मोबाइल से फोटो खींचकर प्रिंट करा लेते हैं या डिजिटल अपलोड कर देते हैं। ऐसे में काम की चुनौतियां बढ़ गई हैं। बड़े आयोजनों में भी पहले जैसे फोटोग्राफरों की टीम की जरूरत नहीं रह गई है। इससे फोटोग्राफर आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। भुगतान समय से नहीं मिलना, लोगों का खराब व्यवहार और कैमरा लेंस आदि की बढ़ती कीमतों से फोटोग्राफर प्रभावित है। वो अपने लिए सस्ते लोन, आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने की मांग कर रहे हैं। यह पेशा जितना आकर्षक है, उतना ही चुनौती पूर्ण भी है। एक फोटोग्राफर को अपनी रचनात्मकता के साथ तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करना होता है। हालांकि हर सूट के साथ उन्हें कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, चाहे वह तकनीकी समस्याएं हो या फिर व्यावहारिक दिक्कतें। वेडिंग फोटोग्राफर की बात की जाए तो उसको शादी की हर गतिविधि जैसे हल्दी, मेहंदी, जयमाला आदि के दौरान हर शॉट को सही समय पर कैप्चर करना होता है। इस दौरान एक मिनट की देरी भी महत्वपूर्ण पल को खराब कर सकती है। ठीक इसी तरह से अन्य कार्यक्रम में भी होता है। कई बार फोटोग्राफर को कई कई शिफ्ट में काम करना होता है। उससे शारीरिक थकावट हो जाती है। मानसिक रूप से थक जाने के कारण अलग-अलग एंगल भी दिमाग में नहीं आते हैं। उसके बाद भी फोटोग्राफरों को अपनी क्लाइंट की हर उम्मीद को पूरा करना होता है। आयोजन को खास बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकनी होती है। इतनी मेहनत के बाद फोटोग्राफर के जीवन में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पहली बड़ी समस्या क्लाइंट का सही समय पर पैसा नहीं देना है। कई बार अच्छा काम होने के बाद भी क्लाइंट फोटोग्राफर के कुछ ना कुछ पैसे जरुर ही काट लेते हैं। महंगाई के दौर में फोटोग्राफर को संसाधन जुटाने में भी मशक्कत करनी पड़ती है। कैमरे, लेंस, लाइट, स्टैंड आदि खरीदने में ही उनकी खासी पूंजी की जरूरत पड़ती है। उसके लिए वे बैंक जाते हैं तो आसानी से लोन नहीं मिलता है। लोन मिल भी जाए तो किस्त चुकाने में ही उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा चला जाता है। फोटोग्राफर कहते हैं कि सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने का दावा करती है। मगर हम लोग जो वर्षों से रोजगार कर रहे हैं। उन पर ध्यान नहीं देती है। यदि हम लोगों को ब्याज मुक्त लोन मिल सके या फिर लोन पर 30 से 40 फ़ीसदी सब्सिडी दी जाए तो बड़ी राहत मिले। हम लोग अपने व्यवसाय को बढ़ा सकेंगे। बड़ा सेटअप होगा तो कर्मचारी की भी अधिक जरूरत पड़ेगी। उससे लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकारी योजनाओं में कुछ खास छायाकरों को काम मिल पाता है। वे कहते हैं कि कुछ चुनिंदा फर्मों को ही सरकारी काम मिलते आ रहे हैं। नए लोगों को काम नहीं दिया जाता है। फोटोग्राफर बताते हैं कि एक समय था जब जिले में सैकड़ों स्टूडियो होता था, लोग फोटो खिंचवाने जाते थे। अब लोगों ने फोटो एल्बम बनवाना कम कर दिया है। ज्यादातर लोग एल्बम बनवाने से मना करते हैं और स्मार्ट फोन में ही फोटो, वीडियो मांगते हैं।
फोन ने कम की छायाकारों की डिमांड, फोटोग्राफर का तैयार हो पैनल
फोटोग्राफरों की माने तो हर जिले में अच्छे और अनुभवी फोटोग्राफर का एक पैनल प्रशासन को बनाना चाहिए। इनको रोस्टर के आधार पर सरकारी कार्यक्रम दिए जाए ताकि आर्थिक मजबूती मिल सके। यही नहीं लोन के लिए अप्लाई करने पर बैंक वाले तमाम कमियां बता कर हमारी फाइल को रिजेक्ट करते हैं। लोन की प्रक्रिया को आसान बनाए जाने की जरूरत है। फोटोग्राफर अलग-अलग रेट में फोटोग्राफी करते हैं। इसकी वजह से क्लाइंट से बहस भी होती है। दर का निर्धारण कर दिया जाए ताकि परेशान नहीं हो। शादी व पार्टियों में लोग जबरदस्ती पर्सनल फोटो शूट करवाने की जिद करते हैं, मना करने पर लड़ने को तैयार हो जाते हैं। लोगों को हमारे प्रति अपने व्यवहार को बदलना होगा। महंगे कैमरे के कारण हम लोगों के लिए काफी दिक्कत होती है। यदि इससे जीएसटी कम की जाए तो काफी अंतर आ जाएगा। सस्ता लोन मिल सके तो और भी बेहतर है। उन्होंने बताया कि मोबाइल की वजह से फोटोग्राफर की डिमांड कम हो गई है। छोटे प्रोग्राम में लोग मोबाइल से ही फोटो खींच लेते हैं। हम लोगों को अपना गुजर बसर करना कठिन हो रहा है। स्मार्टफोन में मौजूद कैमरे ने फोटोग्राफी के पेशे को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अब कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्टफोन के कैमरे से अच्छी तस्वीर ले सकता है। इन कैमरे में पहले से बेहतर फीचर्स जैसे फ्री मोड, पोट्रेट मोड और एचडीआर जैसी सुविधाएं मिलने से तमाम लोग खुद ही फोटोग्राफी करने लगे हैं। इससे फोटोग्राफरों का काम प्रभावित हो रहा है। फोटोग्राफर कहते हैं कि पहले स्कूल, कॉलेज में होने वाले फंक्शन में काम से कम चार से पांच फोटोग्राफर की जरूरत होती थी। एक दो लोग स्टील फोटोग्राफी का काम करते थे, बाकी लोग वीडियो रिकॉर्डिंग में लगे होते थे। अब हालात बदल गए हैं। मुश्किल से एक दो फोटोग्राफर को ही बुलाया जाता है। बाकी का काम स्कूल के स्टाफ की मदद से मोबाइल कैमरे से ही हो जाता है।
सुझाव
1. छोटे फोटोग्राफरों के उपर से जीएसटी का बोझ पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए, इससे हम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
2. 60 वर्ष से अधिक उम्र में फोटोग्राफर को पेंशन की सुविधा मिलनी चाहिए, इससे उनका बुढ़ापा आसानी से कट जाएगा।
3. स्वरोजगार योजना के तहत फोटोग्राफरों को कम ब्याज पर लोन दिलाया जाए, लोन पर सब्सिडी की भी सुविधा होनी चाहिए।
4. क्लाइंट समय से अपना डाटा ले और हमें फोटोग्राफरों का भुगतान भी समय पर करें, भुगतान में देरी करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई करे
5. ब्याज मुक्त लोन मिल सके या फिर लोन पर 30 से 40 फीसदी सब्सिडी दी जाए तो बड़ी राहत मिलेगी।
शिकायतें
1. छोटे फोटोग्राफर जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, उसके बाद भी लैब वाले उनसे 18 प्रतिशत की जीएसटी लेते हैं।
2. शादी, बारात में लोग फोटोग्राफरों के साथ खराब व्यवहार करते हैं, कई बार तो हाथापाई की नौबत आ जाती है।
3. बहुत से लोग फोटोग्राफर के भुगतान को रोक लेते हैं, कई बार तो फालतू की कमी निकाल कर पैसा काट लेते हैं।
4. सरकारी आयोजनों में कुछ चुनिंदा फॉर्म की ही मनमानी चलती है, यह स्थिति बहुत ही खराब होती है।
5. बैंक से लोन के लिए आवेदन करो तो अक्सर फाइल में कोई ना कोई कमी बता कर रिजेक्ट कर दिया जाता है।
हमारी भी सुनिए
नए फोटोग्राफर यदि काम लेना चाहें तो उसे नकार दिया जाता है। दूसरे फर्मों को भी सरकारी आयोजन में काम मिलना चाहिए।
सूरज शर्मा
कैमरे महंगे होते जा रहे हैं लेकिन क्लाइंट पुराने दामों पर ही काम करवाने के लिए बहस करते हैं। इसके कारण हम लोगों की आमदनी घटती जा रही है।
सचिन कुमार
क्लाइंट समय से पहले बुलाकर हमारा समय खराब करते हैं। प्रोग्राम अगर शाम का है तो भी 11 से 12 बजे के आस-पास ही बुला लेते हैं।
दीपक कुमार
क्लाइंट एडवांस तो समय पर दे देते हैं मगर बकाया पैसा देने में बहुत परेशान करते हैं। बार-बार चक्कर लगवाने के बाद बकाया पैसा मिलता है।
पंकज कुमार
शादी, बारात में रात में सफर करना होता है। रात में आपराधिक वारदात का डर रहता है। कई बार टूट फूट भी हो जाती है।
विशाल कुमार
फोटोग्राफी की कला में लगातार बदलाव हो रहा है। छोटे शहरों में नई तकनीक देर में पहुंचती है। इससे हम पिछड़ जाते हैं।
गोलू कुमार
पेन ड्राइव में फोटो लेकर क्लाइंट लैपटॉप में सेव करते हैं। उसका प्रिंट नहीं लेते हैं। इससे हमारे काम पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।
मंटू कुमार
अच्छे और अनुभवी फोटोग्राफर का पैनल प्रशासन को बनाना चाहिए। रोस्टर के आधार पर कार्यक्रम दिए जाए।
शशि कुमार
अधिकतर लोग अब फोटो के प्रिंट नहीं लेते हैं। मोबाइल पर ही फोटो ले लेते हैं या फिर पेन ड्राइव में सेव करवा लेते हैं।
संटू कुमार
सरकार 60 वर्ष की उम्र होने पर फोटोग्राफरों को पेंशन की सुविधा दे। इसके साथ ही आयुष्मान योजना का भी लाभ मिलना चाहिए।
प्रिंस कुमार
सरकार को कैमरा खरीदने के लिए सस्ता लोन देना चाहिए। लोन पर यदि सब्सिडी भी मिले तो फोटोग्राफरों को काफी सहूलियत हो।
रवि कुमार
शादी, बारात के सीजन में अच्छा काम मिल जाता है। बाकी समय में हम लोग लगभग खाली ही बैठे रहते हैं। इसके लिए योजना लानी चाहिए।
मंटू कुमार
इस प्रोफेशन से घर चलना मुश्किल हो रहा है। लोगों से कर्ज लेकर काम कर रहे हैं। सामान महंगा होने के कारण खराब होने पर कैमरा बदलना चुनौती है।
शशि कुमार
बाजार में रेट का हिसाब बहुत खराब है। कोई ज्यादा ले रहा है तो कोई कम पैसे ले रहा है। कोई एक कीमत तय नहीं है। इसकी वजह से विवाद होता रहता है।
विवेक कुमार
फोटोग्राफरों की आर्थिक स्थिति काफी खराब होती है। ऐसे में बीमारी हो जाए तो इलाज के लिए पैसे नहीं होते हैं। सरकार को सभी फोटोग्राफरों का आयुष्मान कार्ड बनवाना चाहिए। इससे हमारा भी इलाज आसानी से हो सके।
प्रकाश सिंह
स्वरोजगार योजना के तहत फोटोग्राफरों को कम ब्याज पर लोन दिलाया जाए। लोन पर सब्सिडी की भी सुविधा होनी चाहिए।
अर्जुन कुमार
ब्याज मुक्त लोन मिल सके या फिर लोन पर 30 से 40 फीसदी सब्सिडी दी जाए तो बड़ी राहत मिलेगी। वहीं व्यवसाय को बढ़ाया जा सकता है।
डब्लू कमार
बैंक में लोन के लिए आवेदन करो तो अक्सर फाइल में कोई ना कोई कमी बात कर अस्वीकृत कर दिया जाता है।
तस्लीम
छोटे फोटोग्राफरों के उपर से जीएसटी का बोझ पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
रवि
लोग भी समझें कि फोटोग्राफर को उचित समय से बुलाए और अनावश्यक कार्यक्रम को लंबा न खींचते हुए समय से वापस भी भेज दें।
नागेंद्र
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