वीकेएसयू : स्नातक विद्यार्थियों को मिलेगा अप्रेंटिसशिप का मौका
-यूजीसी ने सूबे के सभी विवि और कॉलेजों को जारी किया पत्र, अप्रेंटिसशिप के लिए करा रही पंजीयन

-यूजीसी ने सूबे के सभी विवि और कॉलेजों को जारी किया पत्र -बिहार सरकार भी अप्रेंटिसशिप के लिए करा रही पंजीयन आरा, निज प्रतिनिधि रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अब तक कई फैसले ले चुका है। जब से नई शिक्षा नीति लागू हुई है, तब से विद्यार्थियों के लिए कई बदलाव किये गये हैं। हाल में ही एक बार फिर यूजीसी से विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए बढ़िया निर्णय लिया है। यह फैसला वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय सहित सभी विवि में लागू होगा। दरअसल, आयोग ने यूजी और पीजी पाठ्यक्रम में इंडियन नॉलेज सिस्टम जोड़ने का फैसला लिया है। वहीं अब स्नातक के विद्यार्थियों के लिए अप्रेंटिसशिप अनिवार्य होगा। इस संबंध में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश भी जारी किया है। मालूम हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजी पाठ्यक्रम में अप्रेंटिसशिप अनिवार्य किया गया है। पहली बार यूजीसी ने इस संबंध में गाइड लाइन जारी की है। यह कदम इंडस्ट्री सेक्टर और जॉब मार्केट के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिया उठाया गया है। आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों को विद्यार्थियों की मार्कशीट पर अप्रेंटिसशिप व क्रेडिट स्कोर की जानकारी शामिल करने का निर्देश दिया है। अप्रेंटिसशिप के नियम नियमों के तहत तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में एक से तीन सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम होगा। वहीं चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में अप्रेंटिसशिप दो से चार सेमेस्टर में रहेगा। 10 क्रेडिट स्कोर प्राप्त करने के लिए छात्रों को तीन महीने की अप्रेंटिसशिप करनी होगी। पहले सेमेस्टर में अप्रेंटिसशिप नहीं होगी, लेकिन लास्ट सेमेस्टर में यह अनिवार्य होगा। उच्च शिक्षा विभाग उद्योगों में सुविधाओं को देखते हुए अप्रेंटिसशिप की सीटें निर्धारित करेंगे। उन्हें राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करना होगा। भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी का अहम कदम यूजीसी ने हाल ही में इंडियन नॉलेज सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में इसे अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में विश्वविद्यालयों को पत्र भी लिखा। दिशा-निर्देश के तहत अब छात्रों को कुल क्रेडिट में से पांच प्रतिशत क्रेडिट भारतीय ज्ञान प्रणाली से अर्जित करने होंगे, जबकि 50 प्रतिशत क्रेडिट प्रमुख विषयों से होगा। राज्य सरकार भी अप्रेंटिसशिप का दे रही मौका, हो रहा पंजीयन इधर, राज्य सरकार भी अप्रेंटिसशिप का मौका दे रही है। पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में निर्णय लेते हुए गाइड लाइन जारी की गई है। जुलाई से अप्रेंटिसशिप का मौका विद्यार्थियों को मिलेगा। हालांकि इसमें अभी स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों का पंजीयन हो रहा है। इसके तहत चयनित विद्यार्थियों को नौ हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगा। यह प्रशिक्षण 12 महीने का होगा। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष प्रोत्साहन राशि प्रतिष्ठान देगा। इसका मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों को व्यावहारिक और तकनीकी जानकारी उपलब्ध करानी है, ताकि प्रशिक्षण के बाद रोजगार प्राप्त कर सकें। वर्ष 2020 से 2025 के बीच स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी अप्रेंटिसशिप के लिए पंजीयन करा सकते हैं। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने विवि और कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे अपने विद्यार्थियों के बीच इसकी जानकारी दें और पंजीयन कराएं। निजी और सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकते हैं। -------
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