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बोले आरा : इसीएचएस में डॉक्टर की कमी, पूर्व सैनिकों को इलाज में होती है परेशानी

सेवानिवृत सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं में कमी आ रही है, जिससे उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आरा में कैंटिन और मेडिकल सेवाओं की कमी है।

Newswrap हिन्दुस्तान, आराTue, 25 Feb 2025 12:34 AM
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बोले आरा : इसीएचएस में डॉक्टर की कमी, पूर्व सैनिकों को इलाज में होती है परेशानी

देश की सीमा को सुरक्षित रखने वाले सैनिकों के सेवानिवृत होने के बाद मिलने वाली सुविधाओं में लगातार कटौती होती जा रही है। सरकार से लेकर प्रशासन तक इन पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। सेना की ओर से सेवानिवृत होने के बाद दी जाने वाली कैंटिन और मेडिकल की सुविधाएं भी आरा में सही ढंग से नहीं मिल पा रही है। इससे पूर्व सैनिकों को अपनी समस्याओं को लेकर भटकना पड़ रहा है। भोजपुर जिले के लोग सेना में जाकर देश की सीमाओं की रक्षा करनेे में आगे रहे हैं। हजारों लोग सेना में कार्यरत हैं तो हजारों लोग सेवानिवृत होकर आ चुके हैं। सेवानवृत पूर्व सैनिकों को सेना के अलावा राज्य सरकार और स्थानीय स्तर पर कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती रही है। लेकिन, अब पूर्व सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती होती जा रही है। इससे पूर्व सैनिकों के अलावा पूर्व सैनिकों की विधवा पत्नी ( विरांगना ) को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपके प्रिय हिन्दुस्तान अखबार के साथ हुए संवाद के दौरान पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं ने अपनी समस्याओं को साझा किया और सरकार व प्रशासन के समक्ष सुझाव भी रखे।

पूर्व सैनिकों का कहना है कि आरा में सेवानिवृत सैनिकों और उनके परिजनों की इलाज के लिए अस्पताल ( इसीएचएस ) तो उपलब्ध है। लेकिन, क्षमता के अनुसार डॉक्टर पदस्थापित हैं और ना जरुरी दवाएं उपलब्ध रहती हैं। फिलहाल यहां तीन मेडिकल अफसर और एक विशेषज्ञ के जगह पर महज एक डॉक्टर कार्यरत हैं। इसकी वजह सेे पूर्व सैनिकों और उनके परिवार का उचित ईलाज के साथ जरुरी दवाएं नहीं मिल पाती हैं। ऐसे में उन्हें प्राईवेट अस्पतालों में अपने निजी खर्च पर ईलाज करना और दवा खरीदनी पड़ती है, या दानापुर जाना पड़ता है। वहां पर भी कम मात्रा में ही दवाएं मिलती हैं। आरा स्थित इसीएचएस और सैनिक कल्याण कार्यालय में वाहन पार्किंग और सीसीटीवी की सुविधा भी नहीं है। पूर्व सैनिकों को अस्पताल और सैनिक कल्याण कार्यालय के बाहर अपनी दोपहिया वाहनों को खड़ा करना पड़ता है। कई बार वाहन चोरी होने के डर बना रहता है। पूर्व वाहन चोरी की घटना घट चुकी है। मेडिकल संबंधी सुविधाओं में सुधार की जरुरत है। इसके अलावा पूर्व सैनिकों को मिलने वाले पेंशन की राशि में सुधार के कार्य के लिए महज एक पदाधिकारी ही कार्यरत हैं, इससे हमेशा भीड़ लगी रहती है। संख्या बढ़ाने पर लोग अपनी समस्या का समाधान समय से करा सकेंगे।

कैंटीन में सामान नहीं रहता, दानापुर जाने में होती है परेशानी

आरा स्थित सैनिकों के सीएसडी कैंटीन में हमेशा जरुरी समानों ककी कमी रहती है। कभी भी पूरा सामान कभी नहीं आता है। ऐसे में कई बार पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को सामान लिए बगैर वापस लौटना पड़ता है। सामान की खरीदारी के लिए दानापुर के अलावा अन्य कैंटिनों में जाना पड़ता है। इससे परेशानी होती है। कैंटिन में काउंटर की भी कमी है। इस वजह से कई सैनिक लाइन मे भीड़ होने की वजह से समान नहीं ले पाते हैं। आरा के कैंटिन में दो काउंटर होना जरूरी है। दानापुर कैंटीन की तरह यहां भी सेल्फ काहउंटर होना चाहिए।

अंचलों से नहीं मिल पा रहा है पूर्व सैनिकों को लाभ

पूर्व सैनिकों के अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले दस हजार रुपये का लाभ अंचलों से अप्रूवल के अभाव में नहीं मिल पाता है। अंचलों की ओर से पूर्व सैनिकों को जमीन विवाद का निपटारा समय पर नहीं कराया जाता है। दानापुर से पूर्व सैनिकों को हर महीने मिलने वाले राशन बंद होने के बाद राशन कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पूर्व सैनिकों को जमीन रजिस्ट्री में स्टांप खरीद की राशि में छूट नहीं मिलती है। पूर्व सैनिकों के निधन होने पर जिला प्रशासन की ओर से तिरंगा मुहैया कराया जाना चाहिए।

जमीन रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क व नगर निगम का टैक्स हो माफ

सैनिकों और पूर्व सैनिकों को जमीन रजिस्ट्री कराने पर लगने वाला स्टांप शुल्क और नगर निगम में बने सैनिकों के मकान का लगने वाला टैक्स अन्य राज्यों की तरह माफ होना चाहिए। कई राज्यों में यह सुविधा पूर्व सैनिकों और सैनिकों को मिलती हैं। पूर्व सैनिकों को बीएमपी 5 में बंद पड़ी बहाली को फिर से चालू किया जाना चाहिए। ताकि, सेना से सेवानिवृत होने के बाद बचे हुए उम्र में राज्य सरकार की ओर से बीएमपी में सेवा दी जा सके। कई सैनिक 40 से 45 साल की उम्र में ही सेना से सेवानिवृत हो जाते हैं।

समस्या

1. पूर्व सैनिकों के आरा स्थित इसीएचएस में डॉक्टरों की कमी के चलते होती है परेशानी

2. इसीएचएस में डॉक्टरों की कमी, तीन मेडिकल अफसर व एक स्पेशलिस्ट के बदले एक ही कार्यरत हैं

3. आरा सैनिक कैंटीन में पूर्व सैनिकों के लिए कई जरुरी सुविधाओं और काउंटर की कमी है

4. आरा के इसीएचएस में मिलने वाली दवाओं की कमी रहने से दानापुर से दवा लेना पड़ता है

5. पूर्व सैनिकों को दानापुर से मिलने वाला राशन बंद कर दिया गया है, राशन कार्ड भी नहीं बनता है

सुझाव

1. आरा सैनिक कैंटिन में पूर्व सैनिकों के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए

2. कैंटीन में हर महीने सभी तरह के जरुरी सामान उपलब्ध कराई जानी चाहिए, दानापुर नहीं जाना पड़े

3. आरा स्थित इसीएचएस में निर्धारित डॉक्टरों की नियुक्ति और जरुरी दवाओं की पूर्ति होनी चाहिए

4. पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को केन्द्र सरकार की ओर से राशन का लाभ मिलनी चाहिए

5. पूर्व सैनिकों के पेंशन संबंधी सुधार के कार्य के लिए स्टाफ की कमी को पूरा किया जाना चाहिए

उभरा दर्द

पूर्व सैनिकों के उचित ईलाज के लिए इसीएचएस में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाना चाहिए। ताकि प्राइवेट हॉस्पीटलों में ईलाज नहीं कराना पड़े। जिले के सभी पूर्व सैनिकों को परेशानी होती है।

राम दयाल सिंह, पूर्व सैनिक

आरा के इसीएचएस में डॉक्टर की कमी के चलते ईलाज सही नहीं हो पाता है। कुछ पूर्व सैनिकों को दानापुर मिलिट्री अस्पताल जाना पड़ता है। आरा में सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

पवन कुमार, पूर्व सैनिक

आरा स्थित इसीएचएस में सभी तरह की जरुरी दवायें उपलब्ध नहीं रहता है। इससे पूर्व सैनिकों को दानापुर के अस्पताल जाना पड़ता है। वहां पर भी दो माह पर दवा मिलता है।

शंकर शर्मा, पूर्व सैनिक

पैनल हॉस्पिटल से जो दवा लिखा जाता है वह दवा इसीएचएस में नहीं मिलता है। उसके जगह पर यहां से दूसरी दवाइयां दी जाती है। डॉक्टर को बोलते हैं की जो दवा हम लिख रहे हैं वह आप लोग लेते नहीं है तो फायदा नहीं होगा।

बलराम कर्माकर, पूर्व सैनिक

सैनिक कल्याण कार्यालय, कैंटीन और इसीएचएस के पास वाहन पार्किंग की सुविधा नहीं है। बाहर जहां तहां वाहन खड़ा करने पर चोरी होने का डर रहता है। पहवे वाहन चोरी की घटना हो भी चुके हैं।

सुरेन्द्र पांडे, पूर्व सैनिक

आरा स्थित सैनिक कैंटीन में हमेशा जरुरी सामान की कमी रहती है। कभी भी सभी जरुरी सामान नहीं मिल पाता है। कैंटिन आकर बिना सामान लिये वापस लौटना पड़ता है। पूर्व सैनिकों को परेशानी होती है।

शिवपुजन सिंह, पूर्व सैनिक

सैनिक एवं पूर्व सैनिकों को जमीन रजिस्ट्री में अन्य राज्यों की तरह स्टाम्प फिस माफ होना चाहिए। शहरी इलाके में रह रहे सैनिक एवं पूर्व सैनिकों के बने मकान का नगर निगम ता टैक्स भी माफ होना चाहिए।

अख्तर अली, पूर्व सैनिक

आरा के इसीएचएस में डॉक्टरों की कमी है, तीन मेडिकल अफसर व एक स्पेशलिस्ट के बदले यहां पर फिलहाल एक ही डॉक्टर कार्यरत हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति होनी चाहिए।

इंद्रजीत सिंह, पूर्व सैनिक

पूर्व सैनिकों को मिलने वाले पेंशन संबंधी गड़बड़ियों के सुधार के कार्य के लिए आरा पेंशन कार्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाना चाहिए। फिलहाल एक स्टाफ होने से पूर्व सैनिकों की भीड़ लगी रहती है और काम नहीं हो पाता है।

जगरनाथ सिंह, पूर्व सैनिक

आरा के कैंटीन में काउंटर की कमी के वजह से कई पूर्व सैनिक लंबी लाइन की वजह से समान नहीं ले पाते हैं। इस लिए यहां पर दो काउंटर होना जरूरी है। दानापुर कैंटीन की तरह यहां भी सेल्फ काहउंटर होना चाहिए।

अरुण सिंह, पूर्व सैनिक

पेंशन संबंधी सुधार के लिए पूर्व सैनिक असर्पस ऑफिस का चक्कर लगाते लगाते थक जाते हैं। लेकिन, काम नहीं हो पाता है। इस लिए सभी बैंकों में पेंशन सुधार के लिए स्पर्श का एक प्रतिनिधि होना चाहिए।

धनपत तिवारी, पूर्व सैनिक

पूर्व सैनिकों के साथ जमीन और प्रॉपर्टी संबंधी झगड़ों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन की ओर से मदद नहीं मिल पाता है। सैनिक एवं पूर्व सैनिक के परिवारों को विशेष रुप से मदद मिले।

कामेश्वर सिंह, पूर्व सैनिक

सरकार का प्रावधान है जब कोई पूर्व सैनिक की मृत्यु होती हो तो जिले से एक अधिकारी व पुलिस के जवान तिरंगा लेकर भेजा जाना चाहिए। पूर्व सैनिक को तिरंगा ओढ़ाकर पुलिस की सलामी दी जानी चाहिए।

दधीबल सिंह, पूर्व सैनिक

कई पूर्व सैनिकों को मिलने वाली पेंशन की राशि में तकनिकी गड़बड़ी हो रही है। पूर्व सैनिकों की समस्या बैंक में कोई नहीं सुनता है। पेंशन कार्यालय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

राज कुमार तिवारी, पूर्व सैनिक

पहले बीएमपी 5 बटालियन में पूर्व सैनिकों की बहाली होती थी। लेकिन, काफी दिनों से बीएमपी 5 बटालियन में पूर्व सैनिकों की बहाली बंद है। बिहार सरकार से पूर्व सैनिकों की बहाली फिर से होनी चाहिए।

हरेन्द्र तिवारी, पूर्व सैनिक

पूर्व सैनिकों के निधन के बाद उनकी विधवा ( विरांगना) पत्नियों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। खासकर राशन कार्ड योजना का लाभ जरुर मिले।

मीना सिंह, पूर्व सैनिक की पत्नी

पूर्व सैनिक के निधन के बाद जो अंतिम संस्कार के लिए दस हजार रुपये मिलते हैं, उसके लिए सैनिक कल्याण ऑफिस को अंचल कार्यालय से अप्रूवल लेना पड़ता है। कई अंचल कार्यालय अप्रूवल नहीं देते हैं। जिस वजह से अंतिम संस्कार का रुपया नहीं मिल पाता है।

प्रभावती देवी, पूर्व सैनिक की पत्नी

पूर्व सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को पहले स्टेशन हेडक्वार्टर दानापुर से हर महीने राशन मिलता था। लेकिन, कई वर्षों से बंद कर दिया गया है। जिससे अब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सुनिता देवी, पूर्व सैनिक की पत्नी

बिहार सरकार की ओर से चाहिए की सैनिकों और पूर्व सैनिकों के परिवार को अलग से कार्ड बनाकर राशन मुहैया कराया जाना चाहिए। सेवानिवृत होने के बाद परिवार को कई तरह का लाभ नहीं मिल रहा है।

कुमकुम देवी, पूर्व सैनिक की पत्नी

कैंटीन में सामान नहीं मिलने पर पूर्व सैनिकों और परिजनों को दानापुर व अन्य जगह के कैंटीनों में जाना पड़ता है। आरा कैंटीन में हर माह जरुरी सामान उपलब्ध होनी चाहिए। पूर्व सैनिकों को सहुलियत होगी।

शांती देवी, पूर्व सैनिक की पत्नी

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