मंगल पांडे के स्वास्थ्य विभाग के 18 करोड़ जा रहे, अगले आवंटन पर भी तलवार; क्या है मामला
- एक तरफ बिहार के आयुर्वेदिक अस्पतालों और आयुष आरोग्य मंदिर में दवाइयों की घोर कमी है, तो दूसरी ओर दवा खरीद नहीं होने से साढ़े 18 करोड़ रुपये की राशि दूसरे राज्यों में जाने का खतरा बढ़ गया है।
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एक तरफ बिहार के आयुर्वेदिक अस्पतालों और आयुष आरोग्य मंदिर में दवाइयों की घोर कमी है, तो दूसरी ओर दवा खरीद नहीं होने से साढ़े 18 करोड़ रुपये की राशि दूसरे राज्यों में जाने का खतरा बढ़ गया है। अगर इस माह के अंत तक आयुष से संबंधित दवाइयों की खरीद और उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं भेजा गया तो दवा खरीद की राशि दूसरे राज्यों को भेज दी जाएगी। यही नहीं इस मद में केंद्र से मिलने वाले अगले भुगतान पर भी रोक लगा दी जाएगी।
यह चेतावनी केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपम मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र के माध्यम से दी है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय कर संयुक्त सचिव कविता गर्ग ने एसीएस प्रत्यय अमृत को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र के सहयोग से राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना संचालित है। इसके तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आयुष प्रणाली के विकास के लिए केंद्र द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाती है। इसके तहत राज्य द्वारा सालभर में किए जानेवाले विभिन्न गतिविधियों के लिए वार्षिक क्रिया योजना (स्टेट एनुअल एक्शन प्लान) बनाकर केंद्र को देना था। इसके लिए केंद्र द्वारा 18 करोड़ 28 लाख 68 हजार 143 रुपये 67 पैसे का आवंटन राज्य के लिए किया था। इस राशि का अबतक कोई उपयोगिता प्रमाणपत्र केंद्र को नहीं भेजा गया है।
आयुष आरोग्य मंदिर की हुई है स्थापना
आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने कहा कि अगर इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो केंद्र इस राशि को ऐसे राज्यों को हस्तांतरित करने पर विचार कर सकती है, जो राज्य आयुष के क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं। सचिव ने राज्य में खुले आयुष आरोग्य मंदिर के संचालन को लेकर भी उपयुक्त कदम उठाने का आग्रह अपर मुख्य सचिव से की है। मालूम हो कि राज्यभर में आयुष को बढ़ावा देने के लिए 294 आयुष आरोग्य मंदिर की स्थापना की गई है। यहां चिकित्सकों की तैनाती भी हो गई है। लेकिन इनमें दवाओं की आपूर्ति अबतक नहीं हो पाई है।