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मर्जर पर संकट! निसान ने ठुकराए होंडा के प्रस्ताव, जानिए क्यों अधर में लटक सकती है ये डील

निसान-होंडा के मर्जर पर संकट मंडरा रहा है। निसान (Nissan) का बोर्ड होंडा (Honda) के मर्जर प्रस्ताव को ठुकराने की योजना बना रहा है, जिससे यह डील अधर में लटक सकती है। आइए जरा विस्तार इसकी डिटेल्स जानते हैं।

Sarveshwar Pathak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 5 Feb 2025 12:08 PM
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मर्जर पर संकट! निसान ने ठुकराए होंडा के प्रस्ताव, जानिए क्यों अधर में लटक सकती है ये डील

जापानी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बड़ी हलचल मच गई है। दिसंबर 2024 में घोषित निसान (Nissan) और होंडा (Honda) के बीच प्रस्तावित मर्जर अब संकट में पड़ता दिख रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निसान (Nissan) का बोर्ड होंडा (Honda) के मर्जर प्रस्ताव को ठुकराने की योजना बना रहा है, जिससे यह डील अधर में लटक सकती है। आइए जरा विस्तार इसकी डिटेल्स जानते हैं।

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क्या है पूरा मामला?

निसान मोटर कॉर्पोरेशन (Nissan Motor Co.) ने यह संकेत दिया है कि वह होंडा (Honda) के उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर सकता है, जिसके तहत निसान (Nissan) को होंडा (Honda) की सहायक कंपनी (subsidiary) बनाया जाना था। इस प्रस्ताव को ठुकराने से दोनों कंपनियों के बीच चल रही मर्जर बातचीत रुक सकती है। बताया जा रहा है कि बुधवार को निसान (Nissan) के बोर्ड की एक बैठक होगी, जिसमें इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

क्यों ठुकरा सकता है निसान यह प्रस्ताव?

होंडा (Honda) की मौजूदा बाजार वैल्यू 7.3 ट्रिलियन येन (करीब 47 अरब डॉलर) आंकी गई है, जो निसान (Nissan) की वैल्यू से लगभग 5 गुना अधिक है। इस वजह से मर्जर के तहत होंडा (Honda), निसान (Nissan) के शेयर खरीदकर उसे अपनी सब्सिडियरी बनाना चाहता था। हालांकि, निसान (Nissan) के कई वरिष्ठ अधिकारी इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं, जबकि कुछ इसे समर्थन भी कर रहे हैं।

निसान-होंडा मर्जर से क्या हो सकता था बदलाव?

अगर यह डील सफल होती है, तो यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बन सकती थी। लेकिन, अब बातचीत में देरी और मतभेदों के चलते यह योजना अधर में लटक गई है।

शेयर बाजार पर असर

CNBCtv18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, होंडा (Honda) के शेयरों में बुधवार को 3.2% की बढ़त देखी गई, जबकि निसान (Nissan) के शेयर पहले गिरे, लेकिन बाद में 2.7% तक उछाल देखा गया। इससे साफ है कि निवेशक इस डील के भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।

रेनो और मित्सुबिशी मोटर्स की भूमिका

निसान (Nissan) के मर्जर में रेनो SA (Renault SA) (जिसके पास निसान का 36% स्वामित्व है) भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेनो (Renault) के प्रतिनिधि जापान पहुंचकर इस डील को लेकर अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

दूसरी ओर मित्सुबिशी मोटर्स कॉर्प (Mitsubishi Motors Corp.) ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वह इस मर्जर में शामिल नहीं होगा। कंपनी ने कहा है कि होंडा (Honda) और निसान (Nissan) के बीच किसी अंतिम समझौते के बाद ही वह अपने निर्णय पर विचार करेगी।

अब आगे क्या?

होंडा (Honda) और निसान (Nissan) ने कहा है कि वे अभी भी बातचीत जारी रखे हुए हैं और डील का अंतिम फ्रेमवर्क फरवरी 2025 के मिड तक तैयार किया जाएगा। वहीं, अगर यह मर्जर सफल होता है, तो अगस्त 2026 में संयुक्त होल्डिंग कंपनी के शेयर बाजार में लिस्ट किए जा सकते हैं।

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लेकिन, फिलहाल निसान (Nissan) के प्रस्ताव को ठुकराने की खबर से इस डील का भविष्य अनिश्चित दिख रहा है। क्या दोनों कंपनियां अपने मतभेद सुलझा पाएंगी या यह मर्जर इतिहास बनकर रह जाएगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिल सकता है। (C- WSJ & bloomberg)

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