लॉन्च से पहले ही इस छोटी ई-कार को 30000 ऑर्डर मिले; ये टाटा या MG नहीं, बल्कि इस कंपनी का मॉडल
- देश के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है। ग्राहकों को महंगी इलेक्ट्रिक कारों से ज्यादा सस्ते व्हीकल पसंद आ रहे हैं। इस कड़ी में जेनसोल ईवी (Gensol EV) को एक बड़ी सफलता मिलती है।
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देश के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है। ग्राहकों को महंगी इलेक्ट्रिक कारों से ज्यादा सस्ते व्हीकल पसंद आ रहे हैं। इस कड़ी में जेनसोल ईवी (Gensol EV) को एक बड़ी सफलता मिलती है। दरअसल, ये एक तीन पहियों पर चलने वाली कार है। जिसे खास तौर से टैक्सी सर्विस के लिए तैयार किया गया है। इसमें सिर्फ 2 सीट ही मिलती हैं। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ प्रतीक गुप्ता ने भारत मोबिलिटी ग्लोबल ऑटो शो 2025 में ईटीऑटो को बताया एजियो इलेक्ट्रिक कार और कार्गो प्लेटफॉर्म एजीबोट दोनों को 30,000 ऑर्डर मिल चुके हैं।
गुप्ता ने बताया कि हमने ब्लूस्मार्ट से संभावित ग्राहक के तौर पर संपर्क किया था और उनके साथ हमारी चर्चा अच्छी चल रही थी, और यहां तक कि ओला की रणनीति टीम ने भी कार की संभावनाओं का पता लगाने के लिए संपर्क किया। इन बातचीत के दौरान ही टीम ने B2B बाजार पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी कीमत और परिचालन लागत पर, बेड़े संचालकों की कुल लागत 40% तक कम हो सकती है।
मिलती जुलती गाड़ियाँ
और गाड़ियां देखें
कंपनी ने अपनी तीन पहियों वाली इलेक्ट्रिक कार एजियो और एजीबोट को भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में पेश किया था। एजियो कार साल की दूसरी छमाही (जुलाई से दिसंबर) में लॉन्च होने वाली है। इसे सबसे पहले बेंगलुरु में लॉन्च किया जाएगा। जिसके बाद इसे दिल्ली और अन्य प्रमुख बाजारों में इसे लॉन्च किया जाएगा। जबकि इसके कार्गो वैरिएंट एजीबोट को 2026 में लॉन्च किया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि हमने कारों के चरम स्थितियों में कठोर परीक्षण किए हैं। जैसलमेर की भीषण गर्मी से लेकर पश्चिमी घाट के भारी मानसून तक इन्हें सभी तरह की कंडीशन में चलाया गया है। जिसके बाद हमने सफलतापूर्वक अपना ARAI सर्टिफिफिकेशन भी प्राप्त कर लिया। कंपनी की बैटरियों में 3,000 चार्जिंग साइकिल हैं, जबकि पहले 800-1,000 चार्जिंग साइकिल होते थे। यह फ्लीट ऑपरेटरों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जीवन चक्र का उपयोग करने के लिए लंबी लाइफ देता है।
प्रतीक गुप्ता ने बताया कि हम अपनी LFP बैटरियों के लिए सेकेंड-लाइफ एप्लिकेशन का पता लगाने के लिए ईकोसिस्टम पार्टनर्स के साथ भी सहयोग कर रहे हैं। 48-वोल्ट सिस्टम का चुनाव इस रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इन बैटरियों को वाहन के 5-7 साल के उपयोग के बाद आसानी से फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। इनका उपयोग सीधे मोबाइल टावर पावर बैकअप और एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशन जैसे में किया जा सकता है।
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