Parshuram Jayanti: अप्रैल में परशुराम जयंती कब है? जानें यहां सही तारीख व धार्मिक महत्व
- Parshuram Jayanti 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में परशुराम जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। परशुराम जी भगवान विष्णु के छठवें अवतार हैं। जानें भगवान विष्णु के अवतार होने के बाद भी क्यों नहीं होती है परशुराम जी की पूजा-

Parshuram Jayanti 2025 Date: हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के परम भक्त कहे जाने वाले परशुराम भगवान विष्णु के छठवें अवतार हैं। भगवान विष्णु ने पापी, विनाशकारी व अधार्मिक राजाओं का विनाश कर पृथ्वी का भार हरने के लिए परशुराम के रूप में छठवां अवतार लिया था। ऐसी मान्यता है कि परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था। इसलिए दिन दिन प्रदोष काल के साथ तृतीया तिथि होती है उस दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। इस साल परशुराम जयंती 29 अप्रैल 2025 को है। भगवान विष्णु के नौ अवतारों की पूजा की जाती है लेकिन छठवें अवतार परशुराम जी की पूजा नहीं होती है। जानें भगवान विष्णु का अवतार होने के कारण भी परशुराम जी को व्यापक तौर पर क्यों नहीं पूजा जाता है-
क्यों नहीं होती है परशुराम जी की पूजा- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, परशुराम जी वर्तमान में पृथ्वी पर ही निवास करते हैं। इसलिए भगवान राम व श्रीकृष्ण की तरह इनकी पूजा नहीं की जाती है। रामायण के अनुसार, माता सीता व भगवान राम के विवाह समारोह में परशुराम जी का आगमन हुआ था। भगवान विष्णु के 7वें अवतार श्रीराम जी से उनकी भेंट हुई थी।
एक अन्य कारण भी- परशुराम जी को भगवान विष्णु का उग्र अवतार माना गया है। ऐसे में उनकी पूजा करने से साधक को बहुत अधिक ऊर्जा प्राप्त होगी। एक सामान्य व्यक्ति के लिए इस ऊर्जा को ग्रहण करना व नियंत्रित करना आसान नहीं होगा। यही कारण है कि परशुराम जी की पूजा नहीं की जाती है। परशुराम जी की आराधना उन लोगों के लिए शुभ मानी गई है, जो साहसिक कार्यों से जुड़े हैं।
परशु नाम का अस्त्र: परशुराम जी भगवान शिव की परम भक्त थे। भगवान शिव ने उन्हें प्रसन्न होकर परशु नाम का अस्त्र प्रदान किया था जिसके कारण उनका नाम परशुराम पड़ा। परशुराम जी ने भगवान शिव के अलावा ऋषि विश्वामित्र और ऋषि ऋचीक से शिक्षा ग्रहण की थी।
तृतीया तिथि कब से कब तक: तृतीया तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 29, 2025 को 05:31 पी एम बजे और तृतीया तिथि समाप्त - अप्रैल 30, 2025 को 02:12 पी एम बजे।
परशुराम जयंती पर बन रहे शुभ योग- परशुराम जयंती पर सौभाग्य व शोभन योग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग व त्रिपुष्कर योग का भी संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में यह योग अत्यंत शुभ फलदायी माने गए हैं। परशुराम जयंती के दिन परशुराम जी की शोभा यात्रा निकाली जाती है। इस दिन हवन और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन परशुराम जी की पूजा का आह्वान किया जाता है। भगवान परशुराम ने योग व ध्यान से कई सिद्धियां प्राप्त की थीं, मान्यता है कि इस दिन उनका आह्वान करने से साहस व शक्ति प्राप्त होती है।
इस दिन करें इन मंत्रों का जाप- परशुराम जी भगवान विष्णु के अवतार हैं, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है। भगवान विष्णु के मंत्र-
- ॐ नमोः नारायणाय॥
2. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥