विजया एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? जानें व्रत-विधि व पारण मुहूर्त
- Vijaya Ekadashi 2025: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के रूप में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत और भगवान विष्णु की पूजा से जीवन में खुशियों का आगमन होता है
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Vijaya Ekadashi Vrat 2025, विजया एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा: भगवान विष्णु को विजया एकादशी तिथि प्रिय है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के रूप में मनाई जाती है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। इस बार विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा। इसके अगले दिन यानी 25 फरवरी को व्रत का पारण किया जाएगा। जानें व्रत-विधि व पारण मुहूर्त
विजया एकादशी पूजा-मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 23, 2025 को 1:55 पी एम
एकादशी तिथि समाप्त - फरवरी 24, 2025 को 1:44 पी एम
25 फरवरी को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 06:50 ए एम से 09:08 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 12:47 पी एम
विजया एकादशी व्रत-विधि
1. सूर्योदय से पहले स्नान- व्रती को प्रात:काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
2. भगवान विष्णु की पूजा- भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, तुलसी दल, पीले वस्त्र और मिठाई अर्पित करें। व्रत रखने का संकल्प जरूर लें।
3. व्रत कथा सुनें- इस दिन विजया एकादशी व्रत कथा सुनने और सुनाने का विशेष महत्व है।
4. भोजन- व्रती को विजया एकादशी के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल फलाहार करें या जल ग्रहण करें।
विजया एकादशी व्रत रखने का तरीका: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विजया एकादशी व्रत के दौरान सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना चाहिए। व्रत रखने वालों को इस दिन किसी भी प्रकार के बुरे विचारों या कार्यों से बचना चाहिए। भगवान विष्णु के सामने संतान प्राप्ति की कामना करके व्रत का संकल्प लेना फलदायक माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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