Dev Uthani Ekadashi 2022: आज जागेंगे श्रीहरि, शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य, पढ़ें तुलसी विवाह की कथा
Dev Uthani Ekadashi 2022: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी पड़ती है।
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कार्तिक एकादशी चार नवंबर को मनाई जाएगी। हरिप्रबोधिनी एकादशी के रूप में इस दिन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान विष्णु इसी तिथि पर योगनिद्रा से जगते हैं। इसी के साथ लोक में मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। इसी दिन तुलसी विवाह की रस्म भी इसके पूर्व पूरी की जाएगी।
चार नवंबर को सुबह 6:49 बजे से शाम 6:08 बजे तक पृथ्वीलोक की भद्रा रहेगी। रात 12:12 बजे तक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। ज्योतिषचार्य डा. विमल जैन के अनुसार हरिप्रबोधिनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक तुलसीजी का विशेष पूजन किया जाता है। काशी में विभिन्न स्थानों पर तुलसी विवाह की परंपरा निभाई जाती है। तुलसी विवाह का मुख्य आयोजन पंचगंगा घाट पर होगा। एकादशी का व्रत एवं नहान 4 नवंबर को होगा। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान योगनिद्रा में जाते हैं। कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन उनका जागरण होता है।
तुलसी विवाह की कथा
श्रीमद्भगवत पुराण के अनुसार एक बार सृष्टि के कल्याण को भगवान विष्णु ने राजा जालंधर की पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग कर दिया। इस पर सती वृंदा ने उन्हें श्राप दिया और भगवान विष्णु पत्थर बन गए, इसीलिए उन्हें शालिग्राम भी कहा जाता है। श्राप मुक्ति के लिए भगवान विष्णु को अपने शालिग्राम स्वरूप में तुलसी से विवाह करना पड़ा था।
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