Paush Purnima 2025:पौष पूर्णिमा कल, नोट कर लें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, सामग्री लिस्ट,पूजाविधि और नियम
- Paush Purnima 2025: साल 2025 की पहली पूर्णिमा पौष पूर्णिमा होती है। यह दिन स्नान-दान के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
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Paush Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, कल 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा है। इस दिन स्नान-दान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परंपरा है। पौष पूर्णिमा के दिन सूर्यदेव और चंद्रदेव दोनों की पूजा की जाती है और पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के शुभ दिन पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णुजी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है। इस साल पौष पूर्णिमा के दिन 144 साल बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजा और दान सामग्री लिस्ट और पूजाविधि....
पौष पूर्णिमा 2025: दृक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जनवरी 2025 को सुबह 05 बजकर 03 मिनट पर होगा और अगले दिन 14 जनवरी 2025 को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा।
पौष पूर्णिमा 2025: शुभ-अशुभ मुहूर्त
स्नान-दान मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त-05:27 ए एम से 06:21 ए एम तक
अभिजित मुहूर्त-12:09 पी एम से 12:51 पी एम तक
रवि योग- 07:15 ए एम से 10:38 ए एम तक
अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल- 08:34 ए एम से 09:53 ए एम तक
भद्राकाल- 07:15 ए एम से 04:26 पी एम तक
पूजा सामग्री- माता लक्ष्मी और विष्णुजी की प्रतिमा, दीपक, फल,फूल, इत्र, घी, पारिजात का फूल, सुपारी, लौंग,जल कौड़ी, लाल और पीले रंग के वस्त्र, मिठाई समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
दान सामग्री - पौष पूर्णिमा के दिन गर्म कपड़े, तिल, गुड़, अनाज, गेहूं, चावल, दूध-दही इत्यादि चीजों का दान कर सकते हैं।
पौष पूर्णिमा 2025:पूजाविधि
पौष पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें। पवित्र नदी में स्नान करें। सूर्यदेव को जल अर्घ्य दें। दान-पुण्य के कार्यों में शामिल हों। इसके बाद देवी लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-अर्चना करें। एक छोटी चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। देवी लक्ष्मी और विष्णुजी की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें फल, फूल, धूप,दीप, कुमकुम, अक्षत, रोली,चंदन और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद बीज मंत्रों का जाप करें। विष्णुजी और माता लक्ष्मी की आरती उतारें। परिवार के सदस्यों के बीच प्रसाद वितरण करें। शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को जल अर्घ्य दें।
पौष पूर्णिमा 2025- नियम
पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के कार्यों जरूर करें।
मांस-मदिरा समेत तामसिक भोजन के परहेज से बचें।
पौष पूर्णिमा के दिन किसी का अपमान न करें और न ही अपशब्दों का प्रयोग करें।
पूर्णिमा तिथि के दिन घर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
मान्यता है कि इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
पूर्णिमा को स्नान-दान के साथ सूर्यदेव और चंद्रदेव की पूजा करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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