मासिक शिवरात्रि पर भद्रा का साया? नोट करें मुहूर्त, पूजाविधि, उपाय
- Monthly Shivratri 2024 : मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
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Monthly Shivratri : प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान शिव के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
आचार्य अशोक पांडे ने बताया कि इस व्रत के पुण्य-प्रताप से विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है। वहीं, अविवाहित लड़कियों के शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को पृथ्वी लोक पर समस्त प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
भद्रावास योग का समय: ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास का योग निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण भारतीय समयानुसार सुबह 05 बजकर 54 मिनट से लेकर संध्याकाल 05 बजकर 23 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती के सकल मनोरथ पूर्ण होंगे।
शुभ मुहूर्त
4 जुलाई 2024 को सुबह 05:54 मिनट पर ज्येष्ठ मास की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी, जो 5 जुलाई के दिन शुभ 04:57 मिनट तक रहने वाली है। उदया तिथि के चलते, 4 जुलाई को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि पूजाविधि-उपाय
अपने जीवन के सभी कष्टों को दूर करने के लिए सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के बाद शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। प्रभु का दूध, दही, शहद, घी और गन्ने का रस समेत पांच चीजों से अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर सफेद चंदन, सफेद फूल, काला तिल, सफेद चावल और बेलपत्र अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें। अब शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ बेहद ही असरदार माना जाता है। इस पाठ को करने से जीवन में मिले सभी दुख-दर्द को दूर किया जा सकता है।
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