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Nag Panchami : वासुकी, तक्षक समेत इन 5 नागों की होती है पूजा

  • नागपंचमी का प्रसिद्ध पर्व शुक्रवार नौ अगस्त को मनाया जाएगा । यह बल, पौरुष-ज्ञान- तर्क शक्ति के परीक्षण का पर्व है। नाग को देव स्वरूप माना गया है। नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।

Yogesh Joshi नई दिल्ली, लाइव हिन्दु्स्तान टीमFri, 9 Aug 2024 11:54 AM
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Nag Panchami : वासुकी, तक्षक समेत इन 5 नागों की होती है पूजा

Nag Panchami 2024 : नागपंचमी का प्रसिद्ध पर्व शुक्रवार नौ अगस्त को मनाया जाएगा । यह बल, पौरुष-ज्ञान- तर्क शक्ति के परीक्षण का पर्व है। नाग को देव स्वरूप माना गया है। नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस साल नाग देवता की पूजा सुबह से शाम तक की जाएगी। नाग पंचमी के दिन नाग देव की पूजा से सांपों का भय दूर होता है। कुंडली में कालसर्प दोष वाले लोगों को इस पूजा से राहत मिलती है। नागों को दूध से अभिषेक करने से दैवीय कृपाएं प्राप्त हो सकती है। हिन्दू धर्म में सर्पों को पौराणिक काल से ही देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। नाग पंचमी के दिन सर्पों को दूध से स्नान, पूजन और दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। नाग पंचमी के दिन कथाओं में वर्णित पांच प्रमुख नागों की पूजा की जाती है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये पांच नाग-

शेषनाग - भगवान विष्णु के सेवक और सम्पूर्ण पृथ्वी के भार को वहन करते हैं। मान्यता है कि शेषनाग के हजार फन हैं और इनका कोई अंत नहीं है। इनका दूसरा नाम अनंत भी है। शेषनाग कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू के पुत्रों सबसे पराक्रमी शेषनाग ही हैं। लक्ष्मण जी को शेषनाग का अवतार ही माना जाता है।

वासुकि नाग - इन्हें भगवान शिव का सेवक माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान देवता और दानवों ने मिलकी इन्हीं को मंदराचल पर्वत से बांधा था। वासुदेव जब यमुना नदी को पार कर रहे थे तो इन्होंने ही बारिश से भगवान कृष्ण की रक्षा की थी।

तक्षक नाग - श्रीमदभागवत पुराण में वर्णित राजा परीक्षित की मृत्यु इन्हीं के डसने से हुई थी। इसका बदला लेने के लिए परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने सर्प यज्ञ किया था। 

कर्कोटक नाग - कर्कोटक को भी नागों का एक राजा मानते हैं। कहा जाता है कि कर्कोटक ने नारद को धोखा दिया था तो नारद जी ने इन्हें एक कदम भी न चल पाने का श्राप दे दिया था।

पिंगल नाग - कुछ कथाओं में उल्लेख मिलता है कलिंग में छिपे खजाने का संरक्षक पिंगल नाग ही हैं।

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