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महाशिवरात्रि पर बनेगा बुधादित्य योग, भद्रावास का संयोग भी देगा शुभ फल

  • महाशिवरात्रि का पर्व बुधवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 26 फरवरी दिन बुधवार को पड़ रहा है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 24 Feb 2025 09:27 PM
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महाशिवरात्रि पर बनेगा बुधादित्य योग, भद्रावास का संयोग भी देगा शुभ फल

mahashivratri vrat 2025 : महाशिवरात्रि का पर्व बुधवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 26 फरवरी दिन बुधवार को पड़ रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ही भगवान शिव जी और माता पार्वती जी का विवाह हुआ था, इसी कारण महाशिवरात्रि को बहुत ही पवित्र पर्व माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन रात के चारों प्रहारों में भगवान शिव के पूजन अर्चन और अभिषेक करने की मान्यता है। प्रथम प्रहर में दूध, द्वितीय प्रहर में दही, तृतीय प्रहर में घृत द्वारा और चतुर्थ प्रहर में मधु द्वारा स्नान कराकर उनका पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन व्रती भगवान शिव के निमित्त उपवास कर सम्पूर्ण रात्रि में भगवान शिव का पूजन और अभिषेक करता है। इस दिन की गई पूजा अर्चना एवं अभिषेक से भगवान शिव विशेष रुप से प्रसन्न हो जाते हैं। इस दिन भगवान शिव जी को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ और आशुतोष भी कहा जाता है।

भद्रावास का संयोग देगा शुभ फल

भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है। मान्यता है कि जो जातक सच्चे मन से भोलेनाथ और मां पार्वती की आराधना करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11.08 बजे से हो जाएगी। जबकि इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8.54 बजे होगा। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस बार की महाशिवरात्रि पर भद्रावास का संयोग भी बन रहा है। यह शुभ योग लोगों की किस्मत बदलने वाला होगा।

बुधादित्य योग का भी होगा निर्माण

इस वर्ष महाशिवरात्रि पर 60 साल बाद त्रिग्रही योग बना है। इस दिन कई और खास योग भी बने हैं। इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का सुसंयोग बना है। परिघ योग और शिव योग भी है। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में है, जो शुभ माना गया है। इस दिन सूर्य, बुध, और शनि तीनों ग्रह कुंभ राशि में हैं, जिसके कारण इस वर्ष इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा है। कहा कि इस दिन बुधादित्य योग भी बना है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस त्योहार को शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, इस दिन कई ग्रहों का परिवर्तन भी होता है।

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