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Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी आज, सुबह से लेकर शाम तक इन मुहूर्त में करें पूजा

  • Jaya Ekadashi 2025 Time : शनिवार के दिन जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 8 Feb 2025 07:49 AM
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Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी आज, सुबह से लेकर शाम तक इन मुहूर्त में करें पूजा

Jaya Ekadashi 2025, जया एकादशी आज: 8 फरवरी को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जया एकादशी पर सुख-शांति और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु की आराधना होगी। स्कंद पुराण के अनुसार, जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। जानें पूजा के मुहूर्त, भोग, विधि, व व्रत रखने के लाभ-

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सुबह से लेकर शाम तक इन मुहूर्त में करें पूजा

  1. शुभ - उत्तम 08:28 ए एम से 09:50 ए एम
  2. चर - सामान्य 12:35 पी एम से 01:58 पी एम
  3. लाभ - उन्नति 01:58 पी एम से 03:21 पी एम वार वेला
  4. अमृत - सर्वोत्तम 03:21 पी एम से 04:43 पी एम
  5. लाभ - उन्नति 06:06 पी एम से 07:43 पी एम कालरात्रि
  6. शुभ - उत्तम 09:21 पी एम से 10:58 पी एम
  7. अमृत - सर्वोत्तम 10:58 पी एम से 12:35 ए एम, फरवरी 09
  8. चर - सामान्य 12:35 ए एम से 02:12 ए एम, फरवरी 09

ब्रह्म मुहूर्त- 05:21 ए एम से 06:13 ए एम

प्रातः सन्ध्या- 05:47 ए एम से 07:05 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 12:13 पी एम से 12:57 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:26 पी एम से 03:10 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 06:04 पी एम से 06:30 पी एम

सायाह्न सन्ध्या- 06:06 पी एम से 07:24 पी एम

अमृत काल- 09:31 ए एम से 11:05 ए एम

निशिता मुहूर्त- 12:09 ए एम, फरवरी 09 से 01:01 ए एम, फरवरी 09

रवि योग- 07:05 ए एम से 06:07 पी एम

पूजा-विधि: एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके व्रत और पूजा का संकल्प लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें और पुष्प, फल, तुलसी दल अर्पित करें। जया एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। आरती करें। प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। दिनभर फलाहार करें और रात को जागरण कर भजन-कीर्तन करें। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।

भोग: गुड़, चने की दाल, केला, मेवे, किशमिश आदि

व्रत के लाभ

  • मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  • वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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