Gemstone:कौन-सा रत्न किस उंगली में धारण करना चाहिए? जानें नियम और फायदे
- Gemstone : रत्न ज्योतिष में हीरा, मोती, पन्ना, नीलम समेत 9 रत्नों को धारण करने के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। मान्यता है कि इन रत्नों को सही उंगली में धारण करने से रत्नों के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है।
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Gemstone : रत्न ज्योतिष में कुछ रत्नों को धारण करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे लव, करियर,स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों समेत जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है, लेकिन कोई भी रत्न किसी भी उंगली में नहीं धारण कर लेना चाहिए। रत्न पहनने से पहले ज्योतिष सलाह जरूर लेना चाहिए और कुंडली में ग्रहों की शुभ-अशुभ स्थिति के बारे में जानकारी लेकर ही कोई रत्न पहनना चाहिए। रत्न शास्त्र में 9 रत्नों का जिक्र किया गया है। सूर्य के लिए माणिक, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया रत्न पहना जाता है। आइए जानते हैं हीरा, पन्ना, मोती, नीलम समेत 9 रत्नों और उपरत्नों को कौन-सी उंगली में धारण किया जाना चाहिए?
रत्न धारण करने के नियम:
पुखराज को तर्जनी उंगली में पहनने की सलाह दी जाती है। यह गुरु का रत्न होता है। मान्यता है कि इस रत्न को पहनने से व्यक्ति में गंभीरता आती है और धार्मिक कार्यों में मन लगता है।
रत्न ज्योतिष के अनुसार, मध्यमा उंगली में नीलम रत्न धारण करना चाहिए। इस रत्न को किसी अन्य रत्न के साथ नहीं पहनना चाहिए। मान्यता है कि इससे अच्छे रिजल्ट नहीं मिलते हैं। नीलम को शनि का रत्न माना गया है। इसे बिना ज्योतिषीय सलाह के नहीं धारण करना चाहिए।
रत्न शास्त्र में अनामिका उंगली में माणिक धारण करने की सलाह दी जाती है। यह सूर्य का रत्न है। मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से शत्रु परास्त होते हैं।
इसके अलावा कनिष्का उंगली में पन्ना पहना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस रत्न को धारण करने से बौधिक गुणों में वृद्धि होती है। पत्रकारिता, प्रकाशन, कलाकार, क्रिएटिविटी के लिए इस रत्न को पहनते हैं।
कनिष्का उंगली में मोती पहनना भी उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इससे चंद्रमा का अशुभ प्रभाव कम होता है, लेकिन इसे अनामिका उंगली में नहीं पहनना चाहिए। मोती को तर्जनी उंगली में पहन सकते हैं।
हीरा को शुक्र का रत्न माना गया है। मान्यता है कि इस रत्न को तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए क्योंकि इस उंगली के ठीक नीचे शुक्र पर्वत होता है। इससे शुक्र के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
ज्योतिष में राहु के रत्न गोमेद को कनिष्का उंगली में पहनने की सलाह दी जाती है। इससे राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
वहीं, लहसुनिया रत्न को तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए। इस रत्न को हीरे के साथ कभी नहीं पहनना चाहिए। इससे जातक को अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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